पटना: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षा विभाग अब एक्शन मोड में आ गया है। ई-शिक्षा पोर्टल पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज न करने वाले सीवान जिले के 242 शिक्षकों पर विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (D.E.O) राघवेंद्र प्रताप सिंह ने इन शिक्षकों को 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ के निर्देश के बाद राज्य के सभी शिक्षकों को निर्देश दिया गया था कि वे ई-शिक्षा पोर्टल पर हर दिन सुबह 7 बजे तक अपनी उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज करें। लेकिन सीवान जिले के कई स्कूलों में इस आदेश की अनदेखी की जा रही थी। शुक्रवार को की गई जांच में 242 शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज नहीं पाई गई। अगर समय पर और संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
हेडमास्टर भी लापरवाह!
इन 242 शिक्षकों में कई हेडमास्टर भी शामिल हैं, जिनसे उम्मीद की जाती है कि वे न केवल खुद उपस्थिति दर्ज करें, बल्कि पूरे स्टाफ को इसके लिए जागरूक करें।
डीईओ ने स्पष्ट कहा कि, “लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर जवाब असंतोषजनक रहता है तो सख्त कार्रवाई तय है।”
24 घंटे का अल्टीमेटम
सभी शिक्षकों को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर ईमेल या लिखित माध्यम से जवाब देने को कहा गया है। यह चेतावनी शिक्षकों में खलबली मचा रही है, क्योंकि सैलरी कटौती के साथ-साथ आगे भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है।
विभाग की मंशा: अनुशासन और तकनीकी अनुपालन
बिहार सरकार का शिक्षा विभाग अब स्कूलों में टेक्नोलॉजी आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम को सख्ती से लागू करने की दिशा में बढ़ रहा है। ऑनलाइन अटेंडेंस, मिड डे मील रिपोर्टिंग, छात्र नामांकन से जुड़ी जानकारियों के लिए ई-शिक्षा पोर्टल को मुख्य टूल बनाया गया है।
शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया
इस एक्शन पर कुछ शिक्षक संगठनों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कई बार नेटवर्क की समस्या या पोर्टल एरर के कारण उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती है। इसलिए कार्रवाई से पहले तकनीकी कारणों की जांच जरूरी है।
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