नई दिल्ली/Adani Hindenburg Case Judgment: उद्याेगपति गाैतम अडाणी काे सुप्रीम काेर्ट से बड़ी राहत मिली है। अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार काे सेबी को बचे हुए 2 मामलों की जांच के लिए 3 और महीने का समय दिया है। इसके साथ ही देश के शीर्ष काेर्ट ने इस मामले की जांच को SEBI से लेकर SIT को देने से भी इनकार कर दिया। सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने कहा कि सेबी के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में दखल देने के लिए अदालत के पास सीमित शक्ति है।
सेबी ने 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया। सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए हम सेबी को अन्य दो मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि OCCPR की रिपोर्ट को
Adani Hindenburg Case Judgment : सेबी की जांच पर संदेह के तौर पर नहीं देखा जा सकता
विदित हो कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए थे। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसके अलावा मार्केट रेगुलेटर SEBI को भी जांच करने के लिए कहा था।
Adani Hindenburg Case Judgment सत्य की हुई जीत: गाैतम अदाणी
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप (Adani Hindenburg Case Judgment) ने राहत की सांस ली है। ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का भी आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।’
24 नवंबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था :
इस पूरे मामले पर (Adani Hindenburg Case Judgment) सुनवाई पिछले साल 24 नवंबर को हुई थी तब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। CJI ने कहा था- हमें अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से सही मानने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यहां हिंडनबर्ग मौजूद नहीं है, ऐसे में हमने SEBI से जांच करने को कहा है।
याचिकाकर्ताओं की दलीलें कोर्ट ने खारिज की:
कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों की ओर से हितों के टकराव के संबंध में याचिकाकर्ताओं की दलीलों (Adani Hindenburg Case Judgment) को खारिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत सरकार और सेबी भारतीय निवेशकों के हितों को मजबूत करने के लिए कमेटी की सिफारिशों पर विचार करेंगे।
सेबी पर उठे सवाल, कांग्रेस नेता ने घेरा:
SEBI की ओर से रिपोर्ट में देरी को आधार बनाकर सुप्रीम कोर्ट में सेबी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। जनहित याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने कहा था कि SEBI को दी गई समय सीमा के बावजूद वह अदालत के निर्देशों का पालन करने में विफल रही है और अपनी फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी सेबी पर निशाना साधते हुए कहा कि सेबी ने इस पूरे मामले में गंभीरता पूर्ण जांच नहीं की है। उनकी मानें ताे जानबूझ कर जांच में देरी की गयी है। जिसका लाभ अदाणी ग्रुप काे हुआ है। कांग्रेस पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी सेबी पर निशाना साधा है।
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