बिजनेस डेस्क : India forex reserves: भारत की अर्थव्यवस्था हर सेक्टर में रिकॉर्ड बना रही है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद अब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सबसे हाईएस्ट प्वाइंट पर पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार 22 मार्च को समाप्त सप्ताह में 14 करोड़ डॉलर बढ़कर 642.631 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
यह लगातार पांचवां सप्ताह है, जब विदेशी मुद्रा भंडार में वूद्धि हुई है। इससे एक सप्ताह पहले देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 6.39 अरब डॉलर के इजाफे के साथ 642.49 अरब डॉलर हो गया। इस तरह करीब 30 महीने के बाद एक बार फिर से देश का विदेशी मुद्रा भंडार लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया है। आखिरी बार ये रिकॉर्ड सितंबर 2021 में बना था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर ताजा आंकड़े जारी किए गए हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर (India forex reserves)
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 22 मार्च, 2024 को समाप्त सप्ताह में 14 करोड़ डॉलर बढ़कर 642.63 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंचा। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 सितंबर, 2021 में 642.45 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। विदेशी मुद्रा भंडार ने 5 जून, 2020 को खत्म हुए हफ्ते में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था।
इसके पहले यह आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जबकि, यूपीए शासन काल के दौरान 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार 311 अरब डॉलर के करीब था।
विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से ये फायदा
विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी होने से आरबीआई को रुपए के अस्थिर होने पर उसे स्टेबल करने के लिए अधिक गुंजाइश मिलती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आरबीआई रुपए को भारी गिरावट से बचाने के लिए अधिक डॉलर जारी करके हाजिर और वायदा मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करता है। इसके विपरीत, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट से रिजर्व बैंक के पास रुपए को सहारा देने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए कम अवसर बचता है।
गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा
रिजर्व बैंक ने बताया कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान गोल्ड रिजर्व भंडार का मूल्य 34.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 51.48 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.7 करोड़ डॉलर कम होकर 18.219 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक की मानें, तो समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.662 अरब डॉलर हो गई।
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