वाराणसी : महाकुंभ से लौट रहे श्रद्वालुओं की बढ़ी भीड़ को देखते हुए, बनारस और कैंट स्टेशन परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और यात्री प्रबंधन के कड़े उपाय किए गए हैं। रेलवे ने इस दौरान यात्रियों की सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कैंट स्टेशन परिसर को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित कर दिया गया है। यहां सभी गेटों पर बैरिकेडिंग की गई है, ताकि कोई भी वाहन स्टेशन के परिसर में प्रवेश न कर सके।
सिर्फ रेलवे अधिकारियों और प्रमुख नेताओं की गाड़ियों को ही पार्सल गेट से प्रवेश की अनुमति दी गई है।
मालगोदाम रोड के पास बैरिकेड्स लगाकर स्टेशन परिसर में गाड़ियों की आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा, सर्कुलेटिंग एरिया में अस्थायी पुलिस चौकी भी स्थापित की गई है। कैंट फ्लाईओवर के नीचे से स्टेशन आने वाले मार्ग पर भी आरपीएफ और जीआरपी ने बैरिकेडिंग की है, जिससे केवल पैदल यात्रियों को ही आवाजाही की अनुमति दी जा रही है।
कड़ी की गई टिकट चेकिंग व्यवस्था
स्टेशन के भीतर, यात्रियों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टिकट चेकिंग की व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। यात्री हॉल से प्लेटफॉर्म पर जाने के रास्ते पर कॉमर्शियल और आरपीएफ कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जो यात्रियों का टिकट चेक करने के बाद ही उन्हें प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दे रहे हैं। स्टेशन पर एक दिन में लगभग दो से ढाई लाख यात्रियों की आवाजाही हो रही है।
वहीं, बनारस स्टेशन पर भी स्थिति समान रही। यहां की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्टेशन पर प्लेटफॉर्मों पर रस्सी से बैरिकेडिंग की गई। श्रद्धालुओं को प्लेटफॉर्म के बीच में अलग-अलग दिशा में जाने के लिए यह व्यवस्था की गई। इस कदम से यात्रियों को राहत मिली और भीड़ को व्यवस्थित किया जा सका। बनारस स्टेशन का फर्स्ट एफओबी पूरे दिन भर यात्री-भीड़ से जाम रहा।
गौरतलब है कि महाकुंभ की भीड़ के कारण बनारस और कैंट स्टेशन पर यात्री और श्रद्धालु अत्यधिक संख्या में आए हैं, जिससे यात्री हॉल, सर्कुलेटिंग एरिया और प्लेटफार्म पर अप्रत्याशित भीड़ देखने को मिली। इसके बावजूद, स्टेशन पर लागू की गई व्यवस्थाओं के चलते यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को कुछ हद तक राहत मिली।
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