Home » Caste survey: जाति आधारित सर्वेक्षण पर बीजेपी का बड़ा बयान, जानें अमित शाह ने क्या कहा?

Caste survey: जाति आधारित सर्वेक्षण पर बीजेपी का बड़ा बयान, जानें अमित शाह ने क्या कहा?

by Rakesh Pandey
Caste survey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

पटना : जाति आधारित सर्वेक्षण (Caste survey) पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने एक बयान देकर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। रविवार को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र सरकार का जाति आधारित सर्वेक्षण (Caste survey) में अड़चन पैदा करने का कभी कोई इरादा नहीं था और भारतीय जनता पार्टी जब बिहार में सत्ता में थी तब भी उसने इसका समर्थन किया था। शाह ने कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण (Caste survey) के संबंध में कुछ मसले हैं और उन्हें उम्मीद है कि बिहार सरकार उनका हल करेगी।

बैठक में नहीं पहुंचे बंगाल, झारखंड व ओडिशा के मुख्यमंत्री

अमित शाह ने कहा कि रविवार को क्षेत्रीय परिषद की बैठक अच्छी रही और सभी मुद्दों पर कोई न कोई निर्णय लिया गया है, कुछ मुद्दों का समाधान कर लिया गया है और कुछ मुद्दों पर विचार करने के लिए समितियां बनाई गई हैं। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Caste Survey) ने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग की

बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) के समक्ष राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपनी पुरानी मांग एक बार फिर दोहराया। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में सर्वसम्मति से कराए गए जाति आधारित गणना (Caste survey) के आंकड़ों के आधार पर समाज के सभी कमजोर वर्गों के सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण में इनकी भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया गया था जिसमें सभी भाजपा समेत विभिन्न पार्टियों की सहमति थी।

उन्होंने कहा कि राज्य में आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके लिए कानून पारित हो गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पहले से ही 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध है। सभी को मिलाकर कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो गया है। हमारी सरकार ने केन्द्र सरकार से आरक्षण के नये कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने के लिए अनुरोध किया है।

बेघरों को जमीन व घर बनाने का मिलेगा पैसा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब परिवारों को आगे बढ़ाने के लिए उसके एक सदस्य को रोजगार के लिए दो लाख रुपये तक की सहायता की योजना बनायी गयी है। उनका कहना था कि जिन परिवारों के पास आवास नहीं है, उन्हें जमीन खरीदने की राशि को 60 हजार से एक लाख रुपये कर दिया है तथा मकान बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि 2018 से सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत अत्यंत निर्धन परिवार को रोजगार हेतु वित्तीय सहायता दी जा रही है। अब एक लाख रुपये की सहायता राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है।

इन सब कार्यों में कुल मिलाकर दो लाख 50 हजार करोड़ रुपये लगेंगे, जिसे अगले पांच सालों में पूरा कर लिया जायेगा। यदि केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे। हम वर्ष 2010 से ही बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर रहे हैं।

READ ALSO : World’s Largest Army : इन देशों के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना, जानिए भारत की सेना किस नंबर पर

बैठक में इनकी रही उपस्थित

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बैठक में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के वरिष्ठ मंत्रियों ने भी भाग लिया। बैठक में अंतर राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

READ ALSO : Supreme Court : कश्मीर से धारा 370 हटाना वैध या अवैध, आज आएगा फैसला

Related Articles