नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बाेर्ड (CBSE) की ओर से लैंगिक समानता से जुड़े विषय को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल कर लड़के-लड़कियों को एक समान समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्यार्थियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें कक्षा छह से 12वीं के बच्चों को लिंगभेद को समाप्त करने को लेकर विशेष पाठ पढ़ाया जाएगा। यह पाठ अभिभावकों को भी पढ़ाया जाएगा। इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को यह बताना है कि किसी भी मामले में वे लड़कों से कम नहीं हैं।
CBSE: स्कूलों में आयोजित होगा प्रशिक्षण शिविर:
इसके लिए स्कूल की ओर से आयोजित प्रशिक्षण सत्र में अभिभावकों को बुलाया जाएगा। इसमें अभिभावकों को लैंगिक समानता के महत्व से अवगत कराते हुए बाल विवाह को रोकने को लेकर भी जागरूक किया जाएगा। (CBSE) ताकि वे खुद भी बच्चाें काे इसके बारे में बता सकें।
पाठ्यक्रम में शामिल किया गया चैप्टर:
लैंगिक समानता के पाठ को जमीनी स्तर पर अमल में लाने के लिए सीबीएसई की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए बोर्ड की ओर से पाठ्यक्रम में लैंगिक समानता पर विशेष चैप्टर तैयार होगा। (CBSE) स्कूलों में ऑफलाइन-ऑनलाइन माध्यम से विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित होगा। सीबीएसई के एकेडमिक हेड जोसेफ एनामुएल ने बताया कि लैंगिक समानता का पाठ स्कूल स्तर पर पढ़ाने से विद्यार्थियों में लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव और समानता की समझ विकसित होगी।
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