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CBSE : आंसरशीट के मूल्यांकन की नई गाइडलाइन जारी, बोर्ड ने कहा स्टूडेंट को उत्तर न आने पर अगर वह संबंधित प्रश्न के उत्तर प्वॉइंट्स में देता है तो भी अंक दिए जाएं

by The Photon News Desk
CBSE New guidelines for Evaluation
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नई दिल्ली/CBSE New guidelines for Evaluation :  सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा चल रही है। इस दौरान नई अपडेट सामने आई है। बोर्ड ने आंसरशीट के मूल्यांकन को लेकर नई गाइडलाइन जारी है। टीचर्स को जीरो एरर कॉपी चेक करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही कहा गया है कि वे स्टूडेंट्स की लेखन शैली पर विशेष रूप से ध्यान दें। अगर स्टूडेंट ने कम शब्दों में उत्तर देने की कोशिश की है तो उसे प्रभावी माना जाए।

इससे उनकी शब्दों पर पकड़ नजर आएगी। बोर्ड की तरफ से जारी किए गए निर्देशों को लेकर जब सिटी भास्कर ने इस बार मूल्यांकन करने वाले टीचर्स से बात की तो स्टूडेंट हित में कई बिंदु निकलकर सामने आए। जिन्हें फॉलो कर वे कॉपी चेक करने वाले टीचर अपना प्रभाव छोड़ सकता है।

टीचर्स का कहना है कुछ स्टूडेंट अधिक अंक प्राप्त करने का फंडा अधिक शब्दों में उत्तर लिखने या कॉपी अधिक से अधिक भरने को मानते हैं। इस स्थिति में कॉपी चेक करते समय बोझिल लगती है, बड़े-बड़े आंसर लिखने से बचें। यहां बता दें 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से शुरू हुई, लेकिन मुख्य पेपर की परीक्षा सोमवार से शुरू हुई है।

CBSE New guidelines for Evaluation / टीचर्स के लिए गाइडलाइन:

सीबीएसई की ईवेल्यूएशन गाइडलाइन के अनुसार टीजीटी और पीजीटी टीचर मेन सब्जेक्ट्स की प्रति दिन 20 और दूसरे सब्जेक्ट्स की 25 आंसरशीट चेक करेंगे। मूल्यांकन 10 से 12 दिन में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक पूरा करना होगा। रविवार को भी टीचर्स मूल्यांकन कार्य करेंगे। हर ईवेल्यूटर को 20 से 25 आंसर बुक का मूल्यांकन करना होगा। ऐसे में स्टूडेंट्स को आने वाले पेपर में संभलकर उत्तर लिखने होंगे, क्योंकि टीचर पर लोड रहेगा।

CBSE New guidelines for Evaluation : कॉपी चेक करने वाले टीचर इन बिंदुओं पर देंगे ध्यान

:: किसी प्रश्न के लिखे गए उत्तर का प्रश्न क्रमांक स्पष्ट है या नहीं और आंसर में स्पेलिंग मिस्टेक को देखें। गलत होने पर नंबर काटे जाएं।

:: लैंग्वेज सब्जेक्ट में फॉर्मेट फॉलो करने का तरीका देखा जाएगा। ठीक होने पर कंटेंट के 2 और फॉर्मेट के 3 अंक मिलेंगे। जैसे पत्र व निबंध लेखन

:: स्टूडेंट को उत्तर न आने पर अगर वह संबंधित प्रश्न के उत्तर प्वॉइंट्स में देता है तो भी अंक दिए जाएं। देखा जाए प्वॉइंट्स में कितनी रिलेवेंसी है।

:: आंसरशीट पर प्रश्न नहीं लिखे होने चाहिए। आंसर लिखने से पहले हेडिंग बनाई है या नहीं। हेडिंग को बोल्ड और अंडरलाइन किया है या नहीं।

:: आंसरशीट पर ब्लेक पेन से हेडिंग लिखी है या नहीं। ब्लू पेन से आंसर लिखने होंगे। इससे आंसर राइटिंग उभरकर आएगी और नंबर अच्छे मिलेंगे।

कॉपी में एक तरफ मार्जिन प्रिंट होकर आता है। स्टूडेंट्स ने राइट हैंड साइड में पेन से मार्जिन खींचा है या नहीं। यह सही तरीका है।

• एक आंसर में चार से पांच कटिंग हो जाती है, तो टीचर्स पर गलत इंप्रेशन पड़ता है। ज्यादा कटिंग होने से आंसर रिलेवेंट नहीं माना जाए।

:: एमसीक्यू में डायरेक्ट आंसर लिखे हैं या नहीं। अगर किसी ने ऐसा नहीं किया और घुमाकर अपनी बात कही है तो भी अंक काटे जाएंगे।

:: शीट पर अगर रफ वर्क करना है या स्पेलिंग नहीं आ रही है तो मार्जिन के साइड में या कॉपी के आखिरी दो पेज में स्टूडेंट लिख सकते हैं।

:: मैथ्स के पेपर में फिगर्स पेंसिल से बनाए हैं या पेन से। पेंसिल से फिगर बनाने के स्टूडेंट को मिलेंगे पूरे अंक। क्योंकि पेज क्लीन दिखेगा।

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