नई दिल्ली : कांग्रेस ने बालासोर रेल हादसे से जुड़ी जांच रिपोर्ट को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और उस पर रेल सुरक्षा के बुनियादी मुद्दों को लेकर समझौता करने का आरोप लगाया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को रेल को पटरी पर लाने के लिए समग्र रुख अपनाना चाहिए।
ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुई ट्रेन दुर्घटना की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने पाया है कि हादसे की मुख्य वजह गलत सिग्नलिंग थी। समिति ने इस मामले में सिग्नलिंग एवं दूरसंचार (एस एंड टी) विभाग में कई स्तरों पर चूक को रेखांकित किया है। साथ ही समिति ने संकेत दिया कि यदि पिछली चेतावनी को ध्यान में रखा जाता, तो त्रासदी से बचा जा सकता था।
रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) की ओर से रेलवे बोर्ड को सौंपी गयी स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नलिंग कार्य में खामियों के बावजूद, यदि दुर्घटना स्थल बाहानगा बाजार के स्टेशन प्रबंधक ने एस एंड टी कर्मचारियों को दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विचों के बार-बार असामान्य व्यवहार की सूचना दी होती, तो वे उपचारात्मक कदम उठा सकते थे। रमेश ने ट्वीट कर कहा कि यह हम लंबे समय से कहते आ रहे हैं।
वंदे भारत का उद्घाटन करने की उत्सुकता और बुलेट ट्रेन की बात करने के चक्कर में मोदी सरकार ने रेल सुरक्षा के बुनियादी मुद्दों पर समझौता कर लिया है। रेलवे सुरक्षा फोटो खिंचवाने और सुर्खियों में आने से नहीं होती है। उन्होंने कहा कि बालासोर त्रासदी एक मानवीय त्रुटि थी जिसके मूल में प्रबंधन की विफलता है। इसमें राजनीतिक नेतृत्व भी शामिल है। उन्होंने कहा कि रेलवे को पटरी पर लाने के लिए एक समग्र रुख अपनाने की जरूरत है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा कि इस रिपोर्ट से सरकार के सारे झूठ सामने आ गये हैं। सरकार पहले रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। यह सरकार की जिम्मेदारी है। ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा बाजार के निकट दो जून को हुई दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गयी थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।