सेंट्रल डेस्क। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद विपक्षी दलों की ओर से चुनाव में हेराफेरी के आरोप लगाने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को बीजेपी विधायक सिद्धार्थ शिरोले को समन भेजा है। यह समन नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनकी जीत को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने किया है।
कांग्रेस नेता ने दायर की है याचिका
कांग्रेस नेता दत्ता बहिरात द्वारा दायर की गई इस चुनावी याचिका में भाजपा नेता सिद्धार्थ शिरोले की जीत को अवैध घोषित करने की मांग की गई है। इस याचिका में शिरोले के अलावा, चुनाव आयोग (ईसीआई) और इसके विभिन्न अधिकारियों को भी प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कोर्ट ने इन सभी को समन जारी किया है।
क्या है मामला
पूर्व सांसद अनिल शिरोले के बेटे सिद्धार्थ शिरोले ने 2024 में पुणे के शिवाजी नगर से दूसरी बार जीत हासिल की। इसमें शिरोले ने 84,695 वोट हासिल किया जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बहिरात को केवल 47,993 वोट मिले थे। बहिरात की याचिका में कहा गया है कि उन्हें इस हार के मार्जिन से बहुत आश्चर्य हुआ। चुनाव में ऐसा होना असंभव था।
मतदाता पंजीकरण और चुनावी सूची में हेरफेर का लगाया आरोप
पहले निगम के पार्षद रह चुके बहिरात ने दावा किया कि स्वतंत्र विशेषज्ञों ने उन्हें शिरोले के खिलाफ मजबूत एंटी-इन्कंबेंसी लहर के तहत चुनाव में आगे माना था। कहीं से भी इस बात की संभावना नजर नहीं आ रही थी कि उन्हें इतने कम वोट मिलेंगे। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि शिरोले की जीत को “मतदाता पंजीकरण और चुनावी सूची में हेरफेर द्वारा भारी रूप से प्रभावित किया गया”।
मतदाताओं की संख्या में 32,495 की कमी
कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि 1 जनवरी 2019 को विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाता संख्या 3,05,587 थी, जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में यह संख्या 2,73,092 थी। इस प्रकार, मतदाताओं की संख्या में 32,495 की कमी आई। याचिका में आगे कहा गया कि 2024 विधान सभा चुनावों में 2019 के मुकाबले 22,025 वोटों की वृद्धि हुई है। “इस चुनाव में शिरोले की बढ़त 36,702 है। इस प्रकार, वोटों में इस उतार-चढ़ाव ने चुनाव को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।”
याचिकाकर्ता को आरटीआई का नहीं मिला जवाब
याचिका में कहा गया कि इस मामले में आरटीआई दायर की गई थी, जिससे इन उतार-चढ़ावों को समझा जा सके, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। याचिका करेनवाले बहिरात ने यह भी आरोप लगाया कि वोटर्स लिस्ट में आखिरी मिनट में जोड़ियां की गईं और महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नाना पटोले द्वारा 29 नवंबर 2024 को केंद्रीय चुनाव आयोग से महाराष्ट्र चुनावों के लिए पहचान किए गए वोटर डेटा में गंभीर चिंताओं को लेकर मुलाकात करने का हवाला दिया गया।