फीचर डेस्क : छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। आज यानी बुधवार की दोपहर 01.15 बजे प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर को दोपहर 03.52 बजे समाप्त होगा। यह पर्व दीपावली के एक दिन पूर्व और धनतेरस के अगले दिन मनाया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों में इसे रूप चौदस, काली चौदस या छोटी दिवाली के नाम से जाना जाता है। इस दिन किए गए कुछ विशेष उपायों से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
यमराज की पूजा का महत्व
आचार्य मदन मोहन के अनुसार छोटी दिवाली पर यमराज की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यमराज के नाम का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। इस दिन मां काली की पूजा करने का भी विधान है, जिसे काली चौदस के नाम से जाना जाता है। माता काली की पूजा से सभी दुखों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
स्नान और तेल से मालिश की परंपरा
छोटी दिवाली पर तेल से मालिश कर स्नान करने की परंपरा भी है। मान्यता है कि इस दिन तेल में मां लक्ष्मी का और जल में मां गंगा का वास होता है। इस परंपरा के माध्यम से व्यक्ति सकारात्मकता और शांति का अनुभव करता है। इसके अलावा, इस दिन रोली, गुलाब के फूल और लाल चंदन की पूजा करके इन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने का उपाय किया जाता है। ऐसा करने से घर में धन का ठहराव होता है और अनावश्यक खर्चों पर रोक लगती है।
यम का दीपक : बनाने और जलाने की विधि
छोटी दिवाली के दिन शाम के समय प्रदोष काल में गेहूं के आटे से एक दीपक बनाएं। फिर चार बत्तियां तैयार करें और उन्हें दीपक में रखें। इसके बाद दीपक में सरसों का तेल डालें। दीपक के चारों ओर गंगाजल छिड़कें। फिर इस दीपक को घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में रखें। दीपक के नीचे कोई अनाज रखना न भूलें। यह उपाय यमराज के प्रति श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है।
कई लोग यम का दीपक नाली के पास या अन्य स्थानों पर रखते हैं। दीपक जलाने के बाद पूरे समर्पण, विश्वास और भाव के साथ भगवान से प्रार्थना करें और अपने परिवार की खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगें।
यम दीपक का धार्मिक महत्व
यम का दीपक हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक है। यह दिन पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। भगवान यम को इस शुभ दिन पर पूजे जाने वाले देवताओं में से एक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान लोग चार मुखी दीपक जलाते हैं और इसे दक्षिण दिशा की ओर रखते हैं, जो यम देव को समर्पित होता है।
मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के उपाय
दीप जलाना : घर में दीप जलाना न भूलें। यह न केवल घर में रोशनी लाता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है।
पूजा सामग्री : रोली, गुलाब के फूल, और लाल चंदन की पूजा करें। इन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।
स्वच्छता : घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। स्वच्छता से मां लक्ष्मी का वास घर में होता है।
परिवार के साथ पूजा : परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर पूजा करना अधिक फलदायी होता है। यह परिवार में एकता और प्रेम को बढ़ाता है।
प्रार्थना : दिनभर प्रार्थना और ध्यान करें। इससे मानसिक शांति मिलती है और लक्ष्मी मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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