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China’s Moon Mission: चांद के सबसे अंधेरे वाले हिस्से से मिट्टी लेकर आया चीन का मून मिशन, ऐसा करने वाला पहला देश बना

by Rakesh Pandey
China's Moon Mission
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सेंट्रल डेस्क/China’s Moon Mission: चीन ने 3 मई को चैंग’ई-6 मिशन लॉन्च किया था। इसका लक्ष्य चांद के सबसे दूर वाले हिस्से पर (जहां अंधेरा रहता है) जाकर सैंपल इकट्ठे करके इन्हें धरती पर भेजना था। यह मिशन कामयाब रहा और चीन का चंद्रयान सैंपल लेकर वापस चीन की जमीन पर आ गया।

China’s Moon Mission: 2030 तक इंसान को चांद पर भेजने का लक्ष्य

वहीं अब चीन ने 2030 तक इंसान को चांद पर भेजने का लक्ष्य रखा है। यह मिशन भी उसी टारगेट का हिस्सा है। चीन का मून मिशन चांद की सतह से मिट्टी लेकर धरती पर पहुंच गया है। इसी के साथ वह पहला देश बन गया है, जो चांद के अंधेरे हिस्से से सैंपल लाने में सफल रहा है। चीनी नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन का चैंग’ई-6 लैंडर 53 दिन बाद कैप्सूल में सैंपल लेकर धरती पर लौटा है।

China’s Moon Mission: अबतक कोई देश नहीं पहुंचा अंधेरे वाले हिस्से में

अबतक चांद पर जा चुके सभी 10 लूनर मिशन पास वाले हिस्से पर ही पहुंच सके थे। इनमें भारत और अमेरिका भी शामिल हैं। ऐसे में चीन ने चांद ने दूसरी ओर वाले हिस्से से सैंपल लाकर स्पेस रेस में अमेरिका को कड़ी चुनौती दी है।

China’s Moon Mission: चांद की सतह से 2 किलो मिट्टी लेकर आया चैंग’ई-6

अब तक की रिसर्च में संभावना जताई गई है कि चांद के इस हिस्से पर बर्फ के स्वरूप में पानी मौजूद है। अमेरिका भी चांद के इसी हिस्से पर अपना बेस बनाना चाहता है। वहीं रिपोर्ट की माने तो चैंग’ई-6 मिशन अपने साथ चांद की सतह से 2 किलो मिट्टी लेकर लौटा है। चांद की सतह से सैंपल इकट्ठे करने के लिए ड्रिल और रोबोटिक आर्म का इस्तेमाल किया गया था। इसके जरिए चांद पर मौजूद 4 अरब साल पुराने क्रेटर से मिट्टी निकाली गई।

China’s Moon Mission: सैंपल पर रिसर्च करेंगे वैज्ञानिक

चांद की सतह से एकत्रित करने के बाद सैंपल को एक कैप्सूल में डालकर री-एंट्री व्हीकल में ट्रांसफर किया गया। चीन के वैज्ञानिक अब इस सैंपल पर रिसर्च करेंगे। वहीं इस दौरान चांद के साथ ही धरती और सोलर सिस्टम के बनने को लेकर स्टडी की जाएगी। चीन की रिसर्च पूरी होने के बाद इसे दूसरे देशों से साझा किया जाएगा।

China’s Moon Mission: चांद के अंधेरे हिस्से पर रिसर्च बेस कि तैयारी में चीन

चैंग’ई-6 का री-एंट्री मॉड्यूल चीन के उत्तरी हिस्से में मंगलवार सुबह 11:30 बजे भारतीय समय के मुताबिक लैंड हुआ। इसके बाद एक सर्च टीम कुछ मिनटों के अंदर इस मॉड्यूल तक पहुंच गई। चीन के वैज्ञानिकों ने मिशन के सफल होने की जानकारी दी। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि इस मिशन की सफलता चीन के सपने को सच करने में मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही इसके जरिए चीन स्पेस पावर बनने के और करीब पहुंच गया है। इंसानों को भेजने के अलावा चीन 2030 तक चांद के साउथ पोल पर एक रिसर्च बेस बनाना चाहता है।

China’s Moon Mission: कठिन था मिशन

वहीं बता दें कि चांद के अंधेरे वाले हिस्से में ज्यादा गहरे और बड़े क्रेटर है। उस तरफ से कम्युनिकेशन करना भी आसान नहीं है। इसिलिए कभी भी मिशन के फेल होने की आशंका ज्यादा रहती है। हालांकि चीन ने इस मिशन की सफलता से एक नया अध्याय शुरू कर दिया है। चांद का यह हिस्सा पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। इस वजह से भी इस हिस्से को लेकर वैज्ञानिकों में जिज्ञासा रहती है।

 

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