Home » दालचीनी: एक अद्भुत मसाला के साथ औषधि भी

दालचीनी: एक अद्भुत मसाला के साथ औषधि भी

आयुर्वेद में दालचीनी को औषधि की मान्यता दी गई है। यह शरीर में शुगर को कंट्रोल करने, पाचन में सुधार आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करती है।

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

मेडिकल डेस्क : इन दिनों लोग अपने सेहत को लेकर लोग काफी सचेत हो गए हैं। स्वस्थ रहने के लिए कई तरह के व्यायाम, मॉर्निंग वॉक इसके साथ खाली पेट में कई तरह के टिप्स अजमा रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि आजकल लोग दालचीनी का पानी बनाकर सुबह के समय सेवन करना पसंद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि रात को दालचीनी को पानी में भिगोकर, सुबह उस पानी को पीना, शरीर को डिटॉक्स करने और वजन कम करने में सहायक होता है। यह खासकर महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है।

औषधीय गुणों का खजाना है दालचीनी

दालचीनी, किचन में मौजूद एक खास मसाला है जो कि अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। इसका तीखा स्वाद न केवल खाने को विशेष बनाता है, बल्कि यह शरीर को भी कई माध्यम से लाभ पहुंचाता है। आयुर्वेद में इसे औषधि की मान्यता दी गई है। यह शरीर में शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिसके कारण शुगर के मरीजों को इसको खाने में थोड़ा इस्तेमाल करना चाहिए।

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
डायबिटीज को नियंत्रित करना
रोजाना दालचीनी का सेवन, चाहे पानी, चाय या भोजन के साथ हो, ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रखने में मदद कर सकता है। नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंटरी एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ के अनुसार, 2012 की एक समीक्षा ने दालचीनी को टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के दीर्घकालिक नियंत्रण में प्रभावी पाया है।

पाचन में सुधार
जो लोग पाचन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें दालचीनी की चाय का सेवन करना चाहिए। यह अपच, गैस, पेट दर्द, और सीने में जलन का इलाज करने में सहायक है।

फंगल संक्रमण से सुरक्षा
दालचीनी के तेल का सेवन विभिन्न फंगल संक्रमणों से बचाव में मदद करता है। 2016 के एक अध्ययन में यह पाया गया कि दालचीनी का तेल एक प्रकार के कैंडिडा के खिलाफ प्रभावी है, जो रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है। इसके रोगाणुरोधी गुण संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

अल्जाइमर की रोकथाम
कई अनुसंधानों से यह साबित हुआ है कि दालचीनी का पानी अल्जाइमर की बीमारी के इलाज में सहायक हो सकता है। यह बीमारी बुढ़ापे में होती है और याददाश्त को प्रभावित करती है। दालचीनी की छाल में ऐसे गुण होते हैं जो याददाश्त को सुधारने और अल्जाइमर से बचाने में मदद करते हैं।

Read Also- बढ़ रहा है युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्यों हो रहा है ये और कैसे रखें खुद को महफूज

Related Articles