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सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समक्ष प्रस्तुत होकर जांच में करना चाहिए सहयोग : सरयू राय

by Rakesh Pandey
सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समक्ष प्रस्तुत होकर जांच में करना चाहिए सहयोग
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धनबाद: लोकनायक जय प्रकाश नारायण के जयंती के अवसर पर बुधवार को धनबाद के कोयला भवन सभागार में भारतीय जनतंत्र मोर्चा की ओर से एक दिवसीय प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसका मुख्य विषय भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के ‘‘कारण और निवारण’’ था।

सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समक्ष प्रस्तुत होकर जांच में करना चाहिए सहयोग

सम्मेलन के मुख्य अतिथि एवं भारतीय जनतंत्र मोर्चा के संरक्षक सरयू राय ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में पक्ष और विपक्ष दोनों मिले हुए है। पहले विपक्ष जनता की ओर से सवाल करती थी, और सरकार उसका जवाब भी देती थी। पर अब एक सोची समझी साजिश के तहत विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जानबूझकर व्यवधान पैदा किया जाता है, ताकि जनहित के प्रश्न शोर-शराबे में दब जायें। जनता के सवालों का जवाब देने वाला कोई नहीं है, आखिर जनता कहां जाय। हेमंत सरकार के मुकाबले पिछली सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर था। रघुवार सरकार ने मनरेगा घोटाला के मामले में पूजा सिंहल को क्लीन चिट दे दिया था, आज उसी मामले में पूजा सिंहल जेल में है। जब हेमंत सोरेन को ईडी सम्मन देकर बुला रही है, तो रघुवर दास पर ईडी मेहरबान क्यों है, यह समझ से परे है।
राय ने कहा कि हेमंत सोरेन को जब ईडी ने 5 बार सम्मन दिया है तो ईडी के बुलावे पर मुख्यमंत्री को जरूर जाना चाहिए और अपना पक्ष रखना चाहिए।
सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समक्ष प्रस्तुत होकर जांच में करना चाहिए सहयोग

राज्य का विधानसभा भ्रष्टाचार का बन गया है अड्डा:

सरयू राय ने कहा कि जब राज्य का सबसे बड़ा पंचायत विधानसभा ही भ्रष्टाचार का अड्डा बन जाये तो यह लोकतंत्र के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। जस्टिस विक्रमादित्य की कमिटि ने अवैध नियुक्ति मामले में जाँच कर अपना प्रतिवेदन विधानसभा को सौंप दिया था, उसमें आईपीसी की धारा भी जोड़ी गई थी। उस समय की रघुवर सरकार ने उस पर कार्रवाई नहीं किया। वर्तमान सरकार भी उसी नक्शे-कदम पर चल रही है। उस परन्तु उस प्रतिवेदन की कॉपी विधानसभा से नदारद है। यदि जरूरत पड़ी तो मैं जस्टिस मुखोपध्याय समिति और झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष उस जाँच रिपोर्ट को प्रस्तुत करूंगा।
धनबाद, पलामू व चतरा में भारतीय जनतंत्र मोर्चा लोकसभा चुनाव में देगी अपना उम्मीदवार: 
इस अवसर पर भारतीय जनतंत्र मोर्चा के अध्यक्ष धर्मेंन्द्र तिवारी ने पार्टी के उद्देश्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि धनबाद, पलामू और चतरा लोकसभा सीटों पर पार्टी अपना प्रत्याशी देगी इसके लिए उन्होंने संबंधित जिलों के जिलाध्यक्षों को आवश्यक निर्देश दिया।
इस सम्मेलन में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किये गये:-
1. भ्रष्टाचार निवारण कानूनों का कड़ाई से अनुपालन एवं उक्त गतिविधियों में संलिप्त लोगों के विरूद्ध त्वरित गति से न्यायिक प्रक्रिया अपनाते हुए सख्त से सख्त सजा कम समय में दिलाने हेतु ज्यादा से ज्यादा फास्ट ट्रैक कोर्ट का निर्माण।
2. राज्य के संसाधनों का समुचित और विवेकपूर्ण उपयोग हेतु उचित प्रबंधन।
3. सरकारी विभागो में ई-फाईलिंग व फाईल ट्रैकिंग सिस्टम की अनिवार्यता हो, ताकि सभी विभागीय कार्य एक निश्चित समय-सीमा के अन्दर सम्पन्न हो जाए।
4. वैसे कार्य विभाग जहाँ भ्रष्टाचार होने की संभावनाएं अधिक हैं, वहां सतत निगरानी एवं समीक्षा हो साथ ही आधुनिक तकनीक को समाहित किया जाए।
5. नयी परियोजनाओं में उचित लागत पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु सक्षम अधिकारी एवं तकनीकी दल का गठन।
6. भ्रष्टाचार एक सामाजिक अभिशाप है। इस कुरीति को रोकने के लिए जन आंदोलन तथा जन जागरूकता अभियान का समय-समय पर आयोजन।
7. राजनीति में भ्रष्टाचार व्याप्त होने के कारण गरीबों और आमजनों को हक मारा जाता है उस पर लगाम लगाने हेतु नये नियमों को बनाना।
8. जमाखोरी के खिलाफ जन आंदोलन का ऐलान और सशक्त खुफिया तंत्र का गठन।
9. सरकारी अधिकारी और पदाधिकारियों को हर वर्ष उनके सम्पत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य करना और अर्जित आय स्रोत की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए विशेषज्ञ दल का गठन।
महंगाई को लेकर एक प्रस्ताव पारित हुए: 
1. दैनिक उपयोग में आने वाली आवश्यक वस्तुओं के मुल्योत्कर्ष पर लगाम और वितरण प्रणाली पर नियंत्रण हेतु उचित एवं सुदृढ़ प्रबंधन व्यवस्था बनाना एवं उसे लागू करना।
2. सरकार के आर्थिक नीतियों के परिहीणता और मुद्रास्फीति की कुप्रबंधन के कारण बढ़ती महंगाई के प्रभावों को विष्लेषित कर उनपर नियंत्रण हेतु आवष्यक कार्यवाई करना।
3. विदेशी कर्ज पर निर्भरता धीरे-धीरे समाप्त करना। आय के नये संसाधनों का खोज करना। चिन्हित आय के स्रोतों को पुनरीक्षण करते हुए नयी संभावनाओं को तलाशना।
4. देशी उत्पादांे को बढ़ावा देना और उनको अंतराष्ट्रीय मानकांे में सफल होने के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, संसाधन और प्रबंधन की आवश्यकता।
5. मांग और आपूर्ति के बीच समन्वय बनाए रखना।
बेरोजगारी
1. औद्योगिक क्षेत्रों की धीमी वृद्धि, बीमार उद्योगों का जीर्णोद्धार और उद्योग-धंधों में व्याप्त त्रुटियों को दूर कर उन्हें रोजगारपरक बनाना।
2. कुटीर और लघु उद्योगों में ह्रास के कारणों को चिन्हित कर उनके निदान हेतु ठोस उपाय करना।
3. आउटसोर्सिंग पर एजेंसियों की बहाली और संविदा पर नियुक्ति बहाली को समाप्त कर स्थायी नियुक्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करना।
4. न्यूनतम मजदूरी दर को मंहगाई के अनुरूप बढ़ाना। मजदूरों को समय पर भुगतान करना।
5. रोजगारपरक बौद्धिक, सामाजिक तथा मानवीय मुल्यों को शिक्षा नीति में समावेष करना।
शिक्षा को लेकर पारित प्रस्ताव: 
1. सभी सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति कराना।
2. शिक्षा को व्यवसायीकरण से बचाना।

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