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CM योगी का आदेश, यूपी में शराब की दुकानें रहेंगी बंद, इन वाहनों पर होगी कार्रवाई

ओवर स्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, लाल बत्तियों की अनदेखी करना और मोबाइल का उपयोग जैसे कारण सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारक हैं।

by Reeta Rai Sagar
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उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक महीने जिला स्तर पर और प्रत्येक तिमाही में विभागीय स्तर पर सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य के 06 विभागों – अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आज़मगढ़, सहारनपुर और आगरा में केवल एक बैठक आयोजित की गई थी, जिनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। बैठक में संबंधित विभागों के मंत्री, सरकारी अधिकारियों के अलावा सभी विभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।

सड़क दुर्घटना के कारकों को किया रेखांकित

मुख्यमंत्री ने कहा कि ओवर स्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, लाल बत्तियों की अनदेखी करना और मोबाइल का उपयोग जैसे कारण सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारक हैं। इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे शराब की दुकानों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। यह अक्सर देखा गया है कि शराब की दुकानों के साइन बोर्ड बहुत बड़े होते हैं, इन्हें छोटा किया जाना चाहिए।

बिना परमिट वाले वाहन बैन

सीएम योगी ने कहा कि बिना परमिट वाली बसों को सड़क पर नहीं चलने दिया जाना चाहिए। अवैध वाहनों और अधिक लदे ट्रकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए। अन्य राज्यों से आने वाले बिना परमिट वाले वाहनों को सीमा पर रोका जाए। परिवहन संघ और वाहन संघ से संवाद स्थापित करें और सुनिश्चित करें कि लंबी दूरी के वाहनों में दो चालक हों।

सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय और सामूहिक प्रयासों से सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करना चाहिए। राज्य के सभी सड़कों पर काले धब्बों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित करके आवश्यक कदम उठाए जाएं। सभी एक्सप्रेसवे के दोनों ओर अस्पतालों, जैसे फूड प्लाजा की व्यवस्था भी की जाए। साथ ही, सभी विभागीय मुख्यालयों में ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस और प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।

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