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महंगाई की मार से आम आदमी परेशान, टमाटर के बाद अब जीरा और सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा किचन का बजट! जाने क्या कारण है? पढ़े इस रिपोर्ट में

by Rakesh Pandey
महंगाई की मार से आम आदमी परेशान, माटर के बाद अब जीरा और सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा किचन का बजट, टमाटर की कीमत 200 रुपये किलो के पार हो चुकी है, सब्जियों की महंगाई के पीछे कही भारी बारिश व कही सुखा होना, जीरा पहली बार 55 हजार रुपये क्विंटल बिका है।
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सेंट्रल डेस्क नई दिल्ली/ महंगाई की मार से आम आदमी परेशान, टमाटर के बाद अब जीरा और सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा किचन का बजट : आम आदमी हमेशा से ही महंगाई और बेरोजगारी से परेशान रहा है। विशेष रूप से खाद्य पदार्थों की महंगाई आम लोगों को और भी ज्यादा परेशान करती है। पिछले दो महीने से मंडी में टमाटर की कीमतें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। टमाटर की कीमत 200 रुपये किलो के पार हो चुकी है। अब वहीं टमाटर के बाद जीरा और सब्जियों की महंगाई ने भी किचन का जायका ही बिगाड़ दिया है। बढ़ती महंगाई से भोजन थाली महंगी ही होती जा रही है। महंगाई की मार से आम आदमी लगातार हलकान होता जा रहा है।

महंगाई की मार से आम आदमी परेशान,
माटर के बाद अब जीरा और सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा किचन का बजट,
टमाटर की कीमत 200 रुपये किलो के पार हो चुकी है,
सब्जियों की महंगाई के पीछे कही भारी बारिश व कही सुखा होना,
जीरा पहली बार 55 हजार रुपये क्विंटल बिका है।

सब्जियों की महंगाई के पीछे कही भारी बारिश व कही सुखा होना

जानकारी के अनुसार सब्जियों की महंगाई के पीछे भारी बारिश को भी एक कारण बताया जा रहा है। भारी बारिश के कारण टमाटर समेत अन्य सब्जियों की पैदावार पर असर हुआ है। साथ है सब्जियों के सप्लाई चेन भी प्रभावित हुई है। मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल सब्जियों के दाम अभी कम होने की सम्भावना नहीं लग रही है। टमाटर के महंगे होने से ज्यादातर लोगो की रसोई से टमाटर गायब हो गया है।

जहाँ लोग 1 से 2 किलो टमाटर की खरीदारी करते थे, वहीं अब 250 ग्राम से 500 ग्राम की खरीदारी कर रहे है। दूसरी ओर अन्य हरी सब्जियों के दाम भी बढे हुए है। अधिकांश हरी सब्जियों की कीमत 50 रुपये प्रति किलो है। इसके साथ ही जीरा की कीमत भी आसमान छूने लगा है । ऐसा लग रहा है की जीरा भी अब सोना चाँदी के भाव बिक रहा है। वर्तमान में 7 अगस्त को जीरा पहली बार 55 हजार रुपये क्विंटल बिका है। जीरा के महंगे होने के मुख्य कारण बारिश है। भारी बारिश के कारण जीरा की फसल प्रभावित हुई है। जीरा की पैदावार गुजरात और राजस्थान में ज्यादा मात्रा में होती है। हालांकि देश के अलग अलग मंडियों में जीरा की कीमत में थोड़ा अंतर है।

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माटर के बाद अब जीरा और सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा किचन का बजट,
टमाटर की कीमत 200 रुपये किलो के पार हो चुकी है,
सब्जियों की महंगाई के पीछे कही भारी बारिश व कही सुखा होना,
जीरा पहली बार 55 हजार रुपये क्विंटल बिका है।

महंगाई के पीछे मौसम, सरकारी लापरवाही या कालाबाजारी

टमाटर जीरा और सब्जियों की बढ़ती कीमतों के पीछे का कारण आम आदमी को पता नहीं होता है। वे मजबूर होकर खरीदारी करते है। महंगाई के पीछे सरकारी लापरवाही है या कालाबाजारी और प्रतिकूल मौसम ये सभी जिम्मेदार होते है। कभी मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण सब्जियां मंहगी हो जाती है। वहीं ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए जमाखोरी कर खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ा देते है।

महंगाई की मार से आम आदमी परेशान,
माटर के बाद अब जीरा और सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा किचन का बजट,
टमाटर की कीमत 200 रुपये किलो के पार हो चुकी है,
सब्जियों की महंगाई के पीछे कही भारी बारिश व कही सुखा होना,
जीरा पहली बार 55 हजार रुपये क्विंटल बिका है।

सबसे खास बात यह होती है कि इतना होने के बावजूद भी प्रशासन उदासीन रहती है, जमाखोरों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती। दूसरी ओर अगर मौसम खराब होने के चलते खाद्य वस्तुएं जो महंगी होती है, उसके लिए कोई ठोस उपाय नहीं करती, जिससे की आम आदमी महंगाई के बोझ तले दबे रहता है।

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