जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा में गठबंधन प्रत्याशी बन्ना गुप्ता ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों की अपनी-अपनी विचारधाराएं होती हैं। नेता अपनी पार्टी के निर्देशों के अनुसार चलते हैं, लेकिन राजनीति में एक मर्यादा भी होती है। आप जिस मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कार्य कर रहे हैं, उसी का विरोध करना ठीक नहीं है। जो लोग अपनी पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपनी ताकत झोंक देते हैं, वे सिर्फ भगोड़ा सरयू राय जैसे नेता ही हो सकते हैं। देश में इससे खराब उदाहरण नहीं मिलेगा। यह बात श्री गुप्ता ने यहां विभिन्न क्षेत्रों के चुनावी दौरे के क्रम में कही।
उन्होंने कहा कि आज बिहार में भी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को जनता ने नकार दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पलटूराम की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि वे कभी राजद के साथ सरकार बनाते हैं, तो कभी भाजपा के साथ। उनकी कोई स्थायी विचारधारा नहीं है। ये सिर्फ सत्तालोलुप लोग हैं। जनता इनकी ओछी राजनीति को समझ चुकी है। अब वक्त आ गया है कि पलटूराम की पार्टी से चुनाव लड़ने वाले भगोड़ा नेताओं को राजनीति से विदाई दे दी जाए।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड में इस बार चुनाव दीपावली और छठ के पर्व के समय हो रहे हैं। ये पर्व आस्था और पवित्रता के पर्व हैं, जो मिट्टी के दीयों से अंधकार मिटाने का प्रतीक हैं। आपका हर एक वोट एक दीपक की तरह होना चाहिए, ताकि जगमगाहट से भगोड़ा नेताओं की आंखें चौंधिया जाएं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी जमशेदपुर का युवा वर्ग विकास और रोजगार के लिए वोट करेगा। अब के मतदाता पलटूराम और भगोड़ा नेताओं को राजनीति से बेदखल करने के लिए वोट करेंगे, ताकि माताएं और बहनें दोमुहानी संगम घाट पर सुखपूर्वक छठ कर सकें। उनकी माताओं को मंईयां सम्मान योजना और पेंशन योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए बन्ना गुप्ता काम कर रहा है।
बन्ना गुप्ता ने सरयू राय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब वह संगम पर जाते हैं, तो नदी का पानी बोतल में लेकर जाते हैं और कहते हैं कि वह प्रयोगशाला में जांच करवाएंगे कि उसमें कितना प्रदूषण है। जबकि, जब मैं संगम जाता हूं, तो मेरी कोशिश होती है कि स्वर्णरेखा नदी में गिरने वाले नालों के पानी को कैसे रोका जाए। मैं वहां प्राकृतिक फ़िल्टर पीट का निर्माण करवा रहा हूं, सीढ़ियां बनवा दी है और भव्य द्वार का निर्माण करवा चुका हूं। श्रद्धालुओं को छठ, पूजा विसर्जन, मकर संक्रांति और दुसू पर्व में अधिक से अधिक सुविधाएं मिले, इसके लिए मैं संकल्पित हूं।
बन्ना गुप्ता ने यह भी कहा कि सरयू राय ने एक प्रतिष्ठित महिला चिकित्सक, जो 13 वर्ष पहले सेवानिवृत्त हो चुकी हैं, उन पर निशाना साधा और विधानसभा में उनके विरुद्ध सवाल उठाए हैं। चिकित्सक अपनी सेवा पूरी निष्ठा के साथ करते हैं, लेकिन सरयू राय कभी डॉ. रेणुका चौधरी की शिकायत करते हैं, तो कभी डॉ. एके लाल के पीछे लग जाते हैं। सरयू राय केवल दूसरों में कमियां और दोष खोजने में लगे रहते हैं। चाहे वह नेता हो, सरकारी अधिकारी या सम्मानित चिकित्सक। ऐसा कोई वर्ग नहीं है, जिसे सरयू राय ने ठगा या अपमानित न किया हो।