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श्रमजीवी ट्रेन विस्फोट कांड के दो अन्य दोषियों को फांसी की सजा, पांच-पांच लाख जुर्माना भी

by The Photon News Desk
Shramjeevi Express Blast
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जौनपुर (उप्र) : Shramjeevi Express Blast: जौनपुर की अपर सत्र अदालत ने जुलाई 2005 में जिले के हरपालगंज रेलवे स्टेशन के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में हुए बम विस्फोट के मामले में आरोपी दो और लोगों को बुधवार को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनायी है।

जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश पाण्डेय ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार राय की अदालत ने 28 जुलाई 2005 को जौनपुर के सिंगरामऊ के हरपालगंज रेलवे स्टेशन के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में हुए विस्फोट के मामले में बांग्लादेश के मूल निवासी हिलाल उर्फ हिलालउद्दीन और नाफिकुल विश्वास को सजा-ए-मौत सुनायी है। उन्होंने बताया कि अदालत ने दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

Shramjeevi Express Blast: बम विस्फोट में 14 लोगों की हो गयी थी मौत

पाण्डेय ने बताया कि श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन बम विस्फोट(Shramjeevi Express Blast) कांड में कुल 14 लोगों की मौत हुई थी तथा 62 अन्य घायल हुए थे। जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि राजकीय रेलवे पुलिस ने इस बम विस्फोट (Shramjeevi Express Blast)कांड मामले में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें आलमगीर उर्फ रॉनी, उबैद-उर-रहमान, हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल, नाफिकुल विश्वास, गुलाम पचदानी याहिया, कंचन उर्फ शरीफ और डॉक्टर सईद शामिल थे।

उन्होंने बताया कि पुलिस आज तक सईद का पता नहीं लगा सकी है। उसके फरार होने की वजह से विवेचनाधिकारी ने बाकी छह अभियुक्तों के खिलाफ अभियोग पत्र अदालत में दायर किया था।

Shramjeevi Express Blast

Shramjeevi Express Blast: गुलाम पचदानी व कंचन को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया

शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि गुलाम पचदानी और कंचन पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे जबकि शेष चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि 2016 में आलमगीर और उबैद-उर-रहमान को अपर सत्र न्यायाधीश बुद्धिराम यादव ने फांसी की सजा सुनायी थी। इस फैसले के खिलाफ दोनों ने उच्च न्यायालय में अपील की थी जो अभी लंबित है।

Shramjeevi Express Blast : एक अन्य मामले में जेल में बंद थे हिलाल व नाफिकुल

पाण्डेय ने बताया कि हिलाल और नाफिकुल विश्वास एक अन्य मामले को लेकर आंध्र प्रदेश की चेरापल्ली जेल में बंद थे, लिहाजा दोनों की फाइल अलग कर दी गयी थी और 2016 के बाद विश्वास और हिलालुद्दीन को चेरापल्ली जेल से जौनपुर लाकर मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई थी तथा इस पर लगभग सात साल बाद आज फैसला सुनाया गया है। उन्होंने बताया कि विश्वास और हिलाल को कड़ी सुरक्षा के बीच अपराह्न तीन बजकर 20 मिनट पर अदालत में पेश किया गया और फैसले के बाद दोनों दोषियों को जेल भेज दिया गया।

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