पटना : संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से पूरे देश में ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन किया गया। इस क्रम में बिहार की राजधानी पटना में गांधी मैदान से हाई कोर्ट तक भव्य पदयात्रा निकाली गई, जिसका नेतृत्व केंद्रीय खेल, युवा कार्यक्रम, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किया।
पटना में जुटे दलित समाज के हजारों लोग, युवाओं की रही उल्लेखनीय भागीदारी
इस पदयात्रा में दलित समाज के हजारों युवाओं और नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आयोजन स्थल पर विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सहित बिहार बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। यह पदयात्रा डॉ. अंबेडकर के विचारों को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित की गई।
5,000 से अधिक स्थानों पर निकाली गई पदयात्रा : मनसुख मांडविया
पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि देशभर में 5,000 से अधिक स्थानों पर जय भीम पदयात्रा आयोजित की गईं है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि लोकतंत्र, समानता और सामाजिक न्याय के मूल्यों को मजबूत करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि हम देशभर में बाबासाहेब की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और यह संदेश दे रहे हैं कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही हम एक सशक्त, समान और लोकतांत्रिक भारत का निर्माण कर सकते हैं।
युवाओं से राजनीति में सक्रिय होने का आह्वान
मांडविया ने कार्यक्रम के दौरान युवाओं से राजनीति में सक्रिय होने की अपील करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में विकसित भारत का जो संकल्प लिया था, वह सिर्फ नारा नहीं, बल्कि दिशा और मार्ग है। अब समय है कि देश का युवा वर्ग इस मार्ग पर आगे बढ़े और विकास की बागडोर अपने हाथ में ले।
राजीव गांधी पर निशाना, मोदी सरकार की दिशा स्पष्ट : मांडविया
अपने संबोधन में मांडविया ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि 1985 में उन्होंने 21वीं सदी का सपना दिखाया था, लेकिन उस दिशा को स्पष्ट नहीं किया गया था। आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उस सपने को वास्तविकता का आकार दिया जा रहा है, दिशा दी जा रही है।
देशभर की राजधानियों में निकली पदयात्राएं
बीजेपी द्वारा आयोजित इस ‘जय भीम पदयात्रा’ को राष्ट्रीय स्तर पर समर्पित अभियान के रूप में देखा जा रहा है। देश के प्रत्येक राज्य की राजधानी में इसी प्रकार की यात्राएं आयोजित की गई हैं, जिससे डॉ. अंबेडकर के विचारों को राष्ट्रीय चेतना में समाहित किया जा सके।