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लीबिया में डेनियल ने मचाई तबाही! जानिए कैसे रखा जाता तूफानों का नाम

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क : लीबिया में आए विनाशकारी तूफान डेनियल का कहर जारी है। इस तूफान की वजह से भारी वर्षा के कारण आई बाढ़ के वजह से 2000 से अधिक लोगों की मौत की खबर सामने आ चुकी है। हजारों की तादाद में लोग लापता हैं। इस तूफान ने लीबिया के पूर्वी क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है और वहां के लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है और उनकी संपत्ति को भी नष्ट कर चुका है। यहां की सरकार ने आए तूफान से एहतियात बरतने के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी है तथा शैक्षणिक संस्थाओं को अगले आदेश तक बंद कर दिया है।

फिलहाल हालात सुधाने के आसार नहीं

अगर लीबिया के मौसम अधिकारियों की मानें तो भारी बारिश और मौसम खराब रहने का यह सिलसिला अभी और चल सकता है। अफ्रीकी देश लीबिया में भीषण बारिश और बाढ़ से भयानक हालात पैदा हो गए हैं। बाढ़ का पानी आबादी के इलाके में तेजी से फैल राही है। बाढ़ के तेज़ बहाव और इसके साथ हो रही। अन्य आपदायो के करण हजारों लोग गायब ही गए है।

बिजली आपूर्ति ठप्प, खाने-पीने तक की समस्या

इसके परिणामस्वरूप बिजली कि आपूर्ति ठप है, लोगों को खाने पीने की जरूरी चीजें भी मुश्किल से मिल रही है। लीबिया के पूर्वी शहरों में अभी भी भारी वर्षा जारी है, जिसके कारण लोगों को अभी भी सहायता पहुंचाने में मुश्किल हो रही है। लीबिया के नेशनल आर्मी ने सोमवार को बताया कि डरना नदी पर बना बांध टूट जाने की वजह से यह हादसा हुआ। हादसे की शुरुआत में 100 के आसपास लोगों के मरने की सूचना थी जो संख्या अब हजार के पार है।

भारत में वर्ष 2000 के बाद चक्रवातों के रखे जाने लगे नाम

क्या आपको पता है विनाशकारी तूफानों के नाम कैसे रखे जाते हैं? भारत और उसके पड़ोसी देशों ने वर्ष 2000 के बाद से चक्रवातों के नाम रखने का चलन शुरू किया। इन देशों में भारत के अलावा मालदीव, बांग्‍लादेश, म्‍यांमार, श्रीलंका, ओमान, पाकिस्‍तान और थाइलैंड शामिल हैं। हालांकि, अटलांटिक क्षेत्र में चक्रवाती तूफानों के नाम तय करने की प्रथा 1953 में शुरू हुई थी।

वहीं, हिंद महासागर क्षेत्र में इसकी शुरुआत 2004 में हुई। नियम के अनुसार, 13 देश क्रमानुसार करते हैं नामकरण जिनमे हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देश शामिल हैं जैसे भारत, बांग्‍लादेश, मालदीव, म्‍यांमार, ओमान, पाकिस्‍तान, थाइलैंड और श्रीलंका हैं। इसके अलावा ईरान, कतर, सऊदी अरब और यूएई और यमन को को वर्ष 2019 में शामिल किया गया।

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इन आधार पर रखे जाते हैं तूफानों के नाम

वैसे तो विशेषज्ञ कई आधार पर तूफानों का नाम रखते हैं, उनमें से एक महत्वपूर्ण आधार गति है। आपको बता दें कि जिस तूफान की ‘गति’ कम से कम 63 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, उसी का नामकरण होता है। जिस तूफान की गति 118 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर होती है, उसे गंभीर श्रेणी में माना जाता है, वहीं जिसकी गति 221 किलोमीटर की प्रति घंटा से होती है, उसे सुपर चक्रवाती तूफान कहा जाता है।

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