गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय (DDU) के प्रोफेसर रविकांत उपाध्याय के साथ ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। जालसाजों ने खुद को एलआईसी के अधिकारी के रूप में पेश करते हुए प्रोफेसर से 4 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। ठगी का अहसास होने पर प्रोफेसर ने गोरखपुर के कैंट थाने में साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई है।
कैसे हुए ठगी का शिकार?
प्रोफेसर रविकांत उपाध्याय ने अपनी शिकायत में बताया कि 28 फरवरी को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को एलआईसी दिल्ली ऑफिस का कर्मचारी बताया और कहा कि उनकी पॉलिसी की यूनिट वैल्यू कैंसिल हो गई है। इसके बाद, जालसाज ने एक अन्य व्यक्ति का नाम राकेश कुमार गुप्ता लिया और उनका नंबर दिया। जब प्रोफेसर ने उस नंबर पर संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि पॉलिसी की यूनिट वैल्यू को फिर से बहाल करने के लिए उन्हें तुरंत भुगतान करना होगा।
कुल 4 लाख रुपये ट्रांसफर किए
प्रोफेसर ने जालसाजों के कहने पर विश्वास किया और अलग-अलग तिथियों और बैंक खातों में कुल 4 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। बाद में उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने तुरंत कैंट थाने में अज्ञात मोबाइल नंबर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस कर रही है जांच
गोरखपुर कैंट पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। पुलिस मोबाइल नंबर और बैंक खातों के जरिए ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 318(4) और सूचना प्रौद्योगिकी (संसोधन अधिनियम) 2008 की धारा 66D के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सावधानी बरतें, साइबर फ्रॉड से बचें
साइबर ठगी से बचने के लिए यह जरूरी है कि यदि कभी किसी बैंक, बीमा कंपनी या सरकारी एजेंसी से पॉलिसी संबंधित भुगतान की मांग हो, तो पहले संबंधित संस्थान के आधिकारिक नंबर पर संपर्क कर इसकी पुष्टि करें। किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज की स्थिति में तुरंत नजदीकी थाने से संपर्क करें।
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