नई शिक्षा नीति का असर दिखने लगा, 10-15 वर्षों में बदल जाएगा उच्च शिक्षा का नक्शा
नई दिल्ली : देशभर के डिग्री कॉलेजों को आने वाले 10 से 15 वर्षों में डीम्ड विश्वविद्यालय की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसका मकसद शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना और युवाओं को उनके क्षेत्र में ही उच्चतर शिक्षा व शोध की सुविधा देना है। यह बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत शुरू की गई नई योजनाओं का हिस्सा है।
क्या होगा बदलाव
- देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद डिग्री और पीजी कॉलेजों को यूनिवर्सिटी जैसा दर्जा मिलेगा
- छात्र यहीं से रिसर्च और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे
- इन्हें अधिक स्वायत्तता और आधुनिक पाठ्यक्रम से जोड़ा जाएगा
- गांव-देहात और पिछड़े क्षेत्रों के युवाओं को भी मिलेगा विश्वविद्यालय जैसा माहौल। सम्मेलन में हुआ एलान
नोएडा स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय कुलपति सम्मेलन के समापन अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, एआईयू अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक और प्रो. राजेश्वर पिल्लई ने इस ऐतिहासिक परिवर्तन की घोषणा की। बताया गया कि इस योजना पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत कार्य जारी है।
विदेशों की तर्ज पर भारत में भी बदलाव
जैसे विदेशी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को वहीं की डिग्री मिलती है, अब भारत में भी यह मॉडल लागू होगा। यानी अब गांव का छात्र भी अपने जिले के कॉलेज से विश्वस्तरीय डिग्री और शोध सुविधाओं का लाभ ले सकेगा।
ये बदलाव क्यों है खास
- उच्च शिक्षा को घर के करीब लाना।
- खर्च घटेगा, पहुंच बढ़ेगी
- गुणवत्तापूर्ण रिसर्च और स्किल बेस्ड पढ़ाई।