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Ayodhya Deepotsav 2024 :  अयोध्या में दीपोत्सव: कैसे हुई अयोध्या के दीयों की गिनती

यह त्यौहार न केवल अयोध्या, बल्कि सम्पूर्ण भारत में खुशी और एकता का संदेश लेकर आता है।

by Rakesh Pandey
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लखनऊ : अयोध्या में दीपोत्सव का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इस वर्ष यह ऐतिहासिक उपलब्धियों का भी गवाह बना। बुधवार को सरयू नदी के तट पर आयोजित इस महापर्व में एक साथ 25,12,585 मिट्टी के दीये जलाए गए, जिसने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। इस अवसर पर 1,121 वेदाचार्यों ने भी सामूहिक आरती कर एक और रिकॉर्ड स्थापित किया।

दीपोत्सव का महत्त्व

दीपोत्सव का आयोजन भगवान राम के स्वागत के प्रतीक के रूप में किया जाता है। यह त्यौहार न केवल अयोध्या, बल्कि सम्पूर्ण भारत में खुशी और एकता का संदेश लेकर आता है। इस वर्ष, अयोध्या में यह समारोह विशेष महत्व रखता था, क्योंकि यह राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला दीपोत्सव था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सरयू नदी की आरती की, जो इस पर्व की भव्यता को और बढ़ा गया।

विश्व रिकॉर्ड की घोषणा

अयोध्या में 55 घाटों पर दीप जलाने का यह आयोजन न केवल धार्मिक था, बल्कि यह विश्व रिकॉर्ड बनाने का भी एक प्रयास था। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों ने ड्रोन की मदद से दीयों की गिनती की। गिनीज के प्रतिनिधि प्रवीण पटेल ने यह घोषणा की कि अयोध्या ने सबसे अधिक दीये जलाने और सबसे अधिक लोगों द्वारा एक साथ आरती करने के दो रिकॉर्ड बनाए हैं।

दीयों की अद्भुत संख्या

इस वर्ष कुल 25,12,585 दीये जलाए गए, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक थे। 2017 में दीपोत्सव के प्रारंभ के बाद से दीयों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है:

2017: 1.71 लाख
2018: 3.01 लाख
2019: 4.04 लाख
2020: 6.06 लाख
2021: 9.41 लाख
2022: 15.76 लाख
2023: 22.23 लाख
2024: 25.12 लाख

यह वृद्धि न केवल अयोध्या के विकास को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि लोग इस महापर्व में कितनी उत्सुकता से भाग लेते हैं।

दीयों की गिनती कैसे हुई?

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 25 लाख से अधिक दीयों की गिनती कैसे की गई। गिनती के लिए विशेष रूप से ड्रोन का उपयोग किया गया। ड्रोन के जरिए सर्वेक्षण किया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि सभी दीये सही रूप से गिनती में शामिल हों। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के निर्णायक प्रवीण पटेल और उनके सहयोगी निश्चल भरोट ने इस प्रक्रिया की निगरानी की।

गिनती की प्रक्रिया

ड्रोन सर्वे: ड्रोन की मदद से दीयों के जलने की स्थिति का आकलन किया गया।
सत्यापन: गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों ने यह सुनिश्चित किया कि सभी दिशानिर्देशों का पालन किया गया है।
घोषणा: जब सभी आंकड़े एकत्रित किए गए, तब गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा की गई, जिससे अयोध्या के हर कोने में ‘जय श्री राम’ का उद्घोष गूंज उठा।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की सत्यापन प्रक्रिया

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के निर्णायक ने कहा, “आप सभी ने दिशा-निर्देशों का पालन किया है, जो कि इन रिकॉर्ड्स के लिए महत्वपूर्ण है।” उन्होंने बताया कि सबसे अधिक लोगों द्वारा आरती करने का यह एक बिल्कुल नया रिकॉर्ड है, जबकि दीयों के प्रज्वलन का मौजूदा रिकॉर्ड 22,23,676 दीयों का था।

मुख्यमंत्री की बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सभी अयोध्यावासियों और प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह एक अविस्मरणीय उपलब्धि है और यह सभी की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने दीपोत्सव की इस अनूठी पहल के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

समापन

दीपोत्सव का यह पर्व न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत और एकता का प्रतीक भी है। इस प्रकार के आयोजनों से अयोध्या का विकास होता है और यहां की संस्कृति को और भी मजबूती मिलती है। इस दीपोत्सव ने साबित कर दिया कि जब लोग एकजुट होते हैं, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

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