नई दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आईजीआईए) पर जल्द ही सुरक्षा जांच में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) मई 2025 से एडवांस फुल बॉडी स्कैनरों का परीक्षण शुरू करने जा रहा है। यह कदम ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) के नवीनतम दिशानिर्देशों के तहत उठाया गया है।
टर्मिनल 1 और 3 पर लगाए गए अत्याधुनिक स्कैनर
डायल ने चार फुल बॉडी स्कैनर खरीदे हैं, जिनमें से दो टर्मिनल-1 (T1) और दो टर्मिनल-3 (T3) पर लगाए गए हैं। इन स्कैनरों का परीक्षण तीन से चार महीनों तक किया जाएगा, जिसके बाद बीसीएएस की अगुवाई में एक समिति उनके परिणामों का आकलन करेगी और पूरी तरह से लागू करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाएगी।
नई तकनीक, अधिक सुरक्षा और यात्रियों की गोपनीयता का ध्यान
ये फुल बॉडी स्कैनर 70 से 80 गीगाहर्ट्ज़ की मिलीमीटर-वेव तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, जो बिना किसी हानिकारक विकिरण के सुरक्षा जांच को प्रभावी बनाते हैं। पारंपरिक एक्स-रे स्कैनरों के विपरीत, यह तकनीक विकिरण उत्सर्जित नहीं करती, जिससे गर्भवती महिलाओं और चिकित्सा प्रत्यारोपण वाले यात्रियों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है।
तीन सेकंड में होगी पूरी स्कैनिंग, यात्री अनुभव होगा बेहतर
इन स्कैनरों की खासियत यह है कि ये धातु और गैर-धातु दोनों प्रकार के खतरों का पता लगाने में सक्षम हैं, जिससे विस्फोटकों जैसी संदिग्ध सामग्रियों की पहचान करना आसान हो जाएगा। अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर पहले से इस्तेमाल हो रही यह तकनीक मात्र तीन सेकंड में स्कैनिंग पूरी कर लेती है और प्रति घंटे 1,200 यात्रियों की जांच करने की क्षमता रखती है।
निजता की पूरी सुरक्षा, नहीं होगी व्यक्तिगत तस्वीरों की रिकॉर्डिंग
यात्रियों की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए, ये स्कैनर केवल एक मानकीकृत 2D छवि बनाते हैं, जिसे एक पूर्व-निर्धारित मानव आकृति पर प्रदर्शित किया जाता है। किसी भी यात्री की व्यक्तिगत तस्वीर संग्रहीत नहीं की जाती।
डायल सीईओ ने बताया- सुरक्षा और सुविधा दोनों पर हमारा ध्यान
डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, “दिल्ली एयरपोर्ट पर यह नई तकनीक सुरक्षा को और मजबूत बनाएगी और यात्रियों के लिए जांच प्रक्रिया को सहज बनाएगी। हमारा लक्ष्य गोपनीयता से समझौता किए बिना सुरक्षा जांच को तेज और प्रभावी बनाना है। यह परीक्षण हमें सिस्टम की क्षमता और दक्षता का मूल्यांकन करने में मदद करेगा, जिससे यात्रियों को बेहतरीन अनुभव मिल सके।”
जल्द ही पूर्ण रूप से लागू होगा नया सुरक्षा सिस्टम
फुल बॉडी स्कैनर सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं और बीसीएएस दिशानिर्देशों के अनुरूप संचालित होते हैं। इनके रखरखाव की आवश्यकता न्यूनतम है और सभी स्कैन डेटा सुरक्षित रूप से संग्रहीत किए जाते हैं, जिन तक केवल अधिकृत एजेंसियों की ही पहुंच होगी।
मई 2025 से शुरू हो रहे इस परीक्षण के सफल होने पर दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच में एक नई क्रांति देखने को मिलेगी, जिससे यात्रियों के सफर को और अधिक सुरक्षित और सुगम बनाया जा सकेगा।