नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने शहरी गतिशीलता को बदलने के लिए एक बड़े कदम के रूप में ₹12,952 करोड़ के परिवहन बजट का एलान किया है—जो कुल बजट का लगभग 13% है और पिछले साल की तुलना में यह राशि दोगुनी से भी अधिक है। इस व्यापक पैकेज का उद्देश्य ‘ईजी कनेक्टिविटी’ को बढ़ावा देना है, जिसके तहत 5,000 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद, मेट्रो का विस्तार और परिवहन श्रमिकों के लिए विशेष कल्याण उपाय शामिल हैं, ताकि दिल्ली को सतत शहरी परिवहन में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाया जा सके।
5 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक बसों को उतारा जाएगा सड़कों पर
परिवहन बजट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि राजधानी जल्द ही दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इलेक्ट्रिक बस बेड़े का हब बनने की राह पर है। वर्तमान में, दिल्ली 2,152 इलेक्ट्रिक बसों के साथ दुनिया में तीसरे स्थान पर है—जिसमें से 1,752 डीटीसी द्वारा और 400 डीआईएमटीएस क्लस्टर योजना के तहत संचालित की जा रही हैं। 5,000 से अधिक नई इलेक्ट्रिक बसों के इस वर्ष के अंत तक जुड़ने के साथ, दिल्ली इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में आगे बढ़ने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा।
चीन का शेनझेन शहर है दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हब
गौरतलब है कि चीन के शेनझेन को दुनिया में सबसे बड़े इलेक्ट्रिक बस बेड़े का खिताब प्राप्त है, जिसमें लगभग 16,000 इलेक्ट्रिक बसें हैं। बजट में दिल्ली मेट्रो विस्तार के लिए ₹2,929.66 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल के ₹500 करोड़ के आवंटन से अधिक है। इस फंडिंग से तीन प्राथमिक गलियारों पर काम तेज़ होगा, जहां निर्माण का लगभग 60% पहले ही पूरा हो चुका है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) वर्तमान में 289 स्टेशनों के साथ 394.25 किमी नेटवर्क का संचालन करता है। फेज 4 के तहत, DMRC 103 किमी नई लाइनों का निर्माण कर रहा है, जो छह गलियारों में फैली होंगी।
तीन गलियारे—जनकपुरी वेस्ट से आरके पुरम मार्ग तक मेटेंटा लाइन का विस्तार, मजलिस पार्क से मौजपुर तक पिंक लाइन का विस्तार और एरोसिटी से तुगलकाबाद तक नई गोल्डन लाइन—पहले से ही चल रहे हैं, जबकि तीन अन्य गलियारे, जिनमें लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक नई लाइन, इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक तक ग्रीन लाइन का विस्तार और रिठाला-नरेला-नथुपुर लाल लाइन शामिल हैं, प्री-टेंडरिंग चरण में हैं और इस वित्तीय वर्ष में काम शुरू होने वाला है।
महिलाओं के लिए नई डिजिटल कार्ड प्रणाली
महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा जारी रहेगी, लेकिन इसमें एक नई डिजिटल कार्ड प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे पहले दिए जाने वाले कई गुलाबी टिकटों की जगह एक ही डिजिटल कार्ड मिलेगा—जिसे गुप्ता ने भ्रष्टाचार का स्रोत बताया था। ‘लोगों की भलाई के लिए कोई भी मुफ्त योजना बंद नहीं की जाएगी, लेकिन अब भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा’, मुख्यमंत्री ने कहा।
इसके अलावा, केंद्रीय वित्त पोषित शहरी परिवहन परियोजनाओं के लिए ₹1,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है और ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों, गिग वर्कर्स और अन्य अर्द्ध-कुशल श्रमिकों के लिए नए कल्याण बोर्ड स्थापित किए जाएंगे।
परिवहन को प्रदूषण मुक्त बनाने का लक्ष्य
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली स्मार्ट, हरित, और सतत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की ओर तेजी से बढ़ रही है। ‘हमारा लक्ष्य परिवहन को अधिक सुविधाजनक, प्रदूषण-मुक्त और विश्वस्तरीय बनाना है’, उन्होंने कहा। इसके साथ ही अपने प्रशासन की डिजिटलीकरण पहल को पूर्व सरकार की कथित खराब प्रबंधन से जोड़ा।
हाल ही में एक CAG ऑडिट का उल्लेख करते हुए, जिसमें 2021-22 में दिल्ली परिवहन निगम के ₹60,741 करोड़ के संचित घाटे को लेकर चिंता जताई गई थी, गुप्ता ने वादा किया कि राज्य परिवहन क्षेत्र में डिजिटल सुधारों के माध्यम से बेहतर जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
परिवहन विशेषज्ञों ने परिवहन क्षेत्र के लिए बढ़ाए गए बजट आवंटन की सराहना की है। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ क्लीन ट्रांसपोर्ट (ICCT) के प्रबंध निदेशक अमित भटट ने कहा, ‘₹12,952 करोड़ का आवंटन एक स्वागत योग्य कदम है। 5,000 नई इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो विस्तार में महत्वपूर्ण निवेश दिल्ली की वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, क्योंकि परिवहन प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है। लेकिन इस दौरान लास्ट-माइल कनेक्टिविटी पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए’।