नई दिल्ली: दिल्ली के साइबर थाना (नई दिल्ली जिला) की टीम ने एक बड़े ऑनलाइन जॉब स्कैम का पर्दाफाश करते हुए एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस ऑपरेशन में साइबर ठगी के मास्टरमाइंड फाहिक सिद्दीकी सहित कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 6 महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने इस गिरोह से 8 लैपटॉप, 47 मोबाइल फोन, 57 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड, 2 वाई-फाई डोंगल, और 1.31 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं।
शिकायत से खुली पोल
डीसीपी **देवेश कुमार महला** के अनुसार, यह कार्रवाई राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (NCRP) पर दर्ज एक शिकायत के आधार पर की गई। एक महिला शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने 24 जनवरी को नौकरी की तलाश में शाइन डॉट कॉम और नौकरी डॉट कॉम पर अपनी जानकारी साझा की थी। 27 जनवरी को **’प्रिया’ नाम की एक महिला** ने उससे संपर्क कर मेडिकल क्षेत्र में नौकरी का ऑफर दिया और **500 रुपये** रिफंडेबल सिक्योरिटी के तौर पर मांगे।
इसके बाद **’अतुल’ नाम के व्यक्ति** ने टेलिफोनिक इंटरव्यू लिया और **3,999 रुपये** ट्रेनिंग के लिए मांगे। फिर क्रमशः **7,500 रुपये दस्तावेज सत्यापन**, **7,250 रुपये वर्क किट** और **11,000 रुपये सैलरी अकाउंट खोलने** के नाम पर मांगे गए। शक होने पर शिकायतकर्ता ने आगे पैसे देने से इनकार कर दिया और साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई।
तकनीकी जांच से मिले सुराग
शिकायत की जांच के दौरान पाया गया कि जिन मोबाइल नंबरों से संपर्क किया गया था, वे बंद हो चुके थे और उनके **IMEI नंबर भी निष्क्रिय** थे। फर्जी लाभार्थी खातों के माध्यम से ठगी की गई रकम **नोएडा स्थित उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक** के एटीएम से निकाली गई थी।
सीसीटीवी फुटेज में 27 जनवरी को एक **नकाबपोश व्यक्ति** को पैसे निकालते देखा गया। जांच के दौरान **शाइन डॉट कॉम** से संपर्क करने वाले **15 रिक्रूटर्स** की सूची मिली, जिनमें से एक संदिग्ध की पहचान तकनीकी निगरानी के जरिए की गई। उसकी लोकेशन और एटीएम फुटेज मिलान के बाद उसे लक्ष्मी नगर इलाके का निवासी पाया गया, जो **नोएडा सेक्टर-3** स्थित एक इमारत में काम कर रहा था।
छापेमारी और गिरफ्तारी
14 मई को एसीबी **रतन लाल** और इंस्पेक्टर **हरीश चंद्रा** के नेतृत्व में एक टीम गठित कर **नोएडा सेक्टर-3, डी-15** की दूसरी मंजिल पर छापेमारी की गई। वहां पर **फाहिक सिद्दीकी** समेत **12 लोग** फर्जी कॉल सेंटर चलाते पाए गए। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे शाइन डॉट कॉम और नौकरी डॉट कॉम की सदस्यता लेकर बेरोजगारों की प्रोफाइल और संपर्क विवरण जुटाते थे।
इसके बाद **लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन** के पास से **सुमित उर्फ मोहित कुमार** को भी गिरफ्तार किया गया, जो बैंक खाते और सिम कार्ड की आपूर्ति करता था।
गिरोह का काम करने का तरीका
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे **फर्जी रिक्रूटर** बनकर नौकरी का झांसा देते थे और अलग-अलग मदों में पैसे वसूलते थे जैसे –
* सिक्योरिटी डिपॉजिट
* ट्रेनिंग फीस
* वर्क किट
* दस्तावेज सत्यापन
* सैलरी खाता खोलने की फीस
गिरोह में मोहित, हिमांशु, यारिस, अमित यादव, रोहित वर्मा, धर्मेंद्र, और अंकित जैसे सदस्य भी शामिल थे, जो बैंक खाते और सिम कार्डों की व्यवस्था करते थे।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने स्कैम में इस्तेमाल किए गए सभी मोबाइल नंबर और सिम कार्ड की जानकारी **I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre)** को भेज दी है ताकि इस नेटवर्क की **देशभर में जांच** की जा सके। साथ ही, अन्य संभावित पीड़ितों की पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है और इस साइबर फ्रॉड से जुड़ी कई कड़ियों को जल्द उजागर किया जाएगा।