नई दिल्ली : दिल्ली के नंदनगरी और बवाना में गुरुवार रात और शुक्रवार तड़के दो अलग-अलग स्थानों पर भीषण आग लगने की घटनाएं सामने आईं। नंदनगरी में एक कपड़े की दुकान में आग से लाखों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया, जबकि बवाना औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में लगी आग पर काबू पाने के लिए अभियान जारी है। दोनों घटनाओं में किसी हताहत की सूचना नहीं है।
रात करीब 9:30 बजे लगी आग
नंदनगरी के सब्जी मंडी रोड पर दो मंजिला इमारत में गुरुवार रात करीब 9:30 बजे कपड़े की दुकान में आग लगी। दुकान के मालिक महावीर और उनका परिवार पहली मंजिल पर था, जो पड़ोसी की सूचना पर समय रहते सुरक्षित बाहर निकल आया। दमकल की पांच गाड़ियों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। कूलिंग और सर्च ऑपरेशन के दौरान लाखों रुपये के कपड़े और प्रथम तल पर गद्दे जलने की पुष्टि हुई। आग के कारणों की जांच जारी है।
वहीं, बवाना के सेक्टर-4, डीएसआईआईडीसी, A-31 में शुक्रवार तड़के 4:15 बजे एक प्लास्टिक कचरे से सामग्री बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग लगी। दिल्ली अग्निशमन सेवा ने 22 दमकल गाड़ियां मौके पर भेजीं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अतुल गर्ग के अनुसार, आग पर लगभग काबू पा लिया गया है, लेकिन कूलिंग प्रक्रिया जारी है। काले धुएं से इलाके में दहशत फैली, पर आग अन्य फैक्ट्रियों तक नहीं पहुंची।
दोनों घटनाओं में पुलिस और अग्निशमन विभाग आग के कारणों की जांच कर रहे हैं। स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
Delhi Crime : न पिन बनाया, न ओटीपी दिया—फिर भी क्रेडिट कार्ड से 2.82 लाख की शॉपिंग
द्वारका निवासी पीड़ित ने बैंक से शिकायत के बाद पुलिस में दर्ज कराया केस, साइबर थाना जांच में जुटा
नई दिल्ली : द्वारका इलाके में साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड से बिना पिन बनाए और बिना ओटीपी साझा किए करीब 2.82 लाख रुपये की शॉपिंग कर ली गई। पीड़ित को बैंक से ट्रांजैक्शन का मैसेज आया, जिसके बाद उन्हें ठगी का पता चला और उन्होंने तुरंत पुलिस से शिकायत की।
फिलहाल द्वारका साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों ने कार्ड का इस्तेमाल कहां-कहां किया और यह साइबर फ्रॉड कैसे अंजाम दिया गया।
फोन कर पिन बनवाने का दिया था झांसा
पुलिस अधिकारी के अनुसार, पीड़ित विरेंद्र कुमार द्वारका में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक का एक क्रेडिट कार्ड बनवाया था, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं किया। 13 सितंबर 2024 को उन्हें कई अनजान नंबरों से फोन आए, जिनमें कॉल करने वालों ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर पिन जनरेट करने की बात कही।
विरेंद्र ने किसी को भी पिन नहीं बताया और न ही बनाया। लेकिन उसी शाम करीब 6:20 बजे उन्हें बैंक से एक मैसेज मिला कि उनके कार्ड की क्रेडिट लिमिट से ₹2,82,246 की शॉपिंग कर ली गई है।
गृह मंत्रालय पोर्टल पर की शिकायत
ठगी का पता चलते ही पीड़ित ने गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला द्वारका साइबर थाना को सौंपा गया।
विरेंद्र का कहना है कि उन्होंने न तो कार्ड का पिन बनाया, न किसी को ओटीपी बताया, फिर भी इतनी बड़ी राशि खर्च कर ली गई। पुलिस अब डिजिटल ट्रांजैक्शन और तकनीकी माध्यमों से मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
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