नई दिल्ली : शाहदरा जिला पुलिस द्वारा एनसीईआरटी की 2.4 करोड़ रुपये की नकली किताबें पकड़े जाने के मामले में अब पुलिसकर्मियों पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। जांच में प्रक्रियात्मक लापरवाही और अन्य यूनिट के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप पाए जाने के बाद स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। हालांकि, दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने लाखों रुपये के हेरफेर के आरोपों को खारिज किया है।
16 मई को पकड़ी गई थीं 1.6 लाख नकली किताबें
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 16 मई 2025 को शाहदरा जिले की स्पेशल स्टाफ ने गुप्त मुखबिर की सूचना पर एमएस पार्क और अलीपुर इलाकों में छापेमारी की थी। इस दौरान 2.4 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 1.6 लाख एनसीईआरटी की नकली किताबें बरामद की गई थीं और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अब इसी मामले में नया खुलासा हुआ है। आरोप है कि मुखबिर ने पुलिस को अन्य गोदामों में भी छापेमारी की सूचना दी थी, लेकिन स्पेशल स्टाफ ने उन गोदामों में कार्रवाई करने के बजाय मनमानी की।
मुखबिर की शिकायत पर शुरू हुई जांच
सूत्रों के मुताबिक, स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर ने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर गोदाम मालिकों से बातचीत की और छापेमारी न करने के बदले लाखों रुपये की हेरफेर की। इसकी शिकायत मुखबिर ने पूर्वी दिल्ली जोन के संयुक्त पुलिस आयुक्त से की। शिकायत के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त के निर्देश पर पूर्वी जिला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई। जांच में प्रक्रियात्मक लापरवाही और अधिकार क्षेत्र में सेंधमारी जैसे तथ्य सामने आए, जिसके आधार पर इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया और दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई।
पूर्वी जिला पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने तक सभी तथ्यों को ध्यान में रखा जाएगा। यह मामला पुलिस विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को उजागर करता है।