नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यमुना नदी की सफाई और पुनर्जीवन को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जल शक्ति मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान यमुना सफाई के लिए तीन चरणों में कार्य योजना तैयार की गई।
तीन चरणों में यमुना सफाई का रोडमैप
पहला चरण: प्रदूषण नियंत्रण और स्रोतों की पहचान
योजना के पहले चरण में यमुना नदी में प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान की जाएगी। इसमें नालों की निकासी व्यवस्था को सुधारना, नई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) का निर्माण, जेजे कॉलोनियों को सीवेज सिस्टम से जोड़ना और नदी तटों से अतिक्रमण हटाना शामिल है।
दूसरा चरण: सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता का विस्तार
दूसरे चरण में दिल्ली में सीवेज ट्रीटमेंट की मौजूदा क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। पुराने संयंत्रों को आधुनिक बनाया जाएगा और नए संयंत्र स्थापित किए जाएंगे ताकि यमुना में बिना ट्रीटमेंट का पानी नहीं गिरे। दिल्ली सरकार ने पहले ही छह बिंदुओं वाला एक्शन प्लान तैयार किया है और 2025 तक यमुना को स्नान योग्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
तीसरा चरण: नदी तट का सौंदर्यीकरण और पुनर्जीवन
तीसरे चरण में यमुना नदी के तटों का सौंदर्यीकरण, जैव विविधता पार्कों का विकास, ऐतिहासिक घाटों का पुनरुद्धार और साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर मास्टर प्लान तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री का निर्देश
प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यमुना सफाई अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल पर्यावरण की दृष्टि से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है।
यमुना की सफाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस रोडमैप के ज़रिए आने वाले वर्षों में दिल्ली की यमुना फिर से स्वच्छ और प्रवाहमान दिखाई देगी।