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दिल्ली की हवा : इस मौसम में सबसे खराब, AQI Severe Plus श्रेणी में पहुंचा, GRAP-IV लागू

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क : दिल्ली में प्रदूषण की समस्या इस बार अपने सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। राजधानी की हवा में इतना प्रदूषण पहले कभी नहीं देखा गया था और इस समय दिल्ली के लोग सबसे जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। सोमवार की सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 481 था, जो “गंभीर प्लस” श्रेणी में आता है (AQI 450+)। राजधानी में प्रदूषण का स्तर इतनी ज्यादा बढ़ चुका है कि पूरे दिल्ली-एनसीआर इलाके में स्मॉग की मोटी चादर देखने को मिल रही है, जिससे शहर की दृश्यता भी बहुत कम हो गई है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का संकट

दिल्ली में जहां औसत AQI 481 था, वहीं आसपास के इलाकों जैसे नोएडा में AQI 384, गाजियाबाद में 400, गुरुग्राम में 446 और फरीदाबाद में 320 के आसपास था। प्रदूषण के कारण आज दिल्ली में सुबह-सुबह एयरपोर्ट पर भी दृश्यता बहुत कम थी और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विजिबिलिटी 150 मीटर तक रह गई थी। कोहरे और धुंध के कारण कुछ उड़ानों में 30 मिनट से एक घंटे तक की देरी भी देखने को मिली है। हालांकि, अभी तक कोई उड़ान रद्द नहीं हुई है, लेकिन यात्रियों को उड़ान समय की पुष्टि करने के लिए एयरपोर्ट अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है।

GRAP-IV के तहत कड़े कदम

प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू करने का फैसला लिया है। GRAP-IV के तहत कई कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके।

दिल्ली में वाहनों की आवाजाही और विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे

ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंधित : अन्य राज्यों से आने वाले ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश बंद रहेगा, सिवाय सीएनजी, इलेक्ट्रिक और आवश्यक वस्तुएं लाने वाले ट्रकों के।

लाइट कमर्शियल व्हीकल्स पर प्रतिबंध: दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-जरूरी लाइट कमर्शियल व्हीकल्स को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

डीजल वाहनों पर प्रतिबंध : BS-IV और उससे पुराने मानकों वाले डीजल वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सार्वजनिक परिवहन : केवल क्लीन फ्यूल (एलएनजी, सीएनजी, बीएस-VI डीजल, या इलेक्ट्रिक) वाले वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी।

प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कक्षा 6 से 11 तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चलाने की सिफारिश की है। पहले से ही कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा शुरू की जा चुकी है। इसके अलावा, कॉलेजों को भी बंद करने का सुझाव दिया गया है, ताकि छात्रों को प्रदूषण से बचाया जा सके। हालांकि, कर्मचारियों को घर से काम करने की कोई विशेष अनिवार्यता नहीं है, लेकिन CAQM ने दिल्ली सरकार को यह सलाह दी है कि सरकारी, नगर निगम और निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत तक सीमित की जाए। अन्य कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी जा सकती है।

सरकार की ओर से जारी किए गए उपाय

दिल्ली में इस संकट के दौरान प्रशासन के पास प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय हैं। उदाहरण स्वरूप, दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन योजना पर विचार करने का संकेत दिया है, जहां सड़क पर हर दिन केवल एक प्रकार के नंबर प्लेट वाले वाहन चलेंगे, जिससे वायु प्रदूषण को थोड़ी राहत मिल सके। इसके साथ ही, सार्वजनिक और निजी संस्थानों से भी प्रदूषण कम करने के लिए तात्कालिक कदम उठाने की अपील की जा रही है।

दिल्ली की हवा इस समय खतरनाक स्तर पर है, और प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने का जोखिम बढ़ गया है। सरकार और प्रशासन के कड़े कदमों के बावजूद, प्रदूषण को कम करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस संकट के बीच, नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे घर के अंदर रहें, खासकर बुजुर्गों और बच्चों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी जा रही है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है, और हर किसी को इसमें योगदान देने की जरूरत है।

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