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झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून की मांग: 4 महीने में दर्ज हुई छेड़छाड़ के इतने मामले

by Rakesh Pandey
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SUHAIB ANSARI, RANCHI : पूरे देश में महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। अलग-अलग सरकारें सुरक्षा के तमाम दावे करती हैं। कानून बनाए जाते हैं। इसके बावजूद अब तक हमारी बेटियां पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो सकी हैं। महिलाओं के खिलाफ छेड़खानी, दुष्कर्म और अन्य जघन्य अपराध के मामले अक्सर सामने आते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी महिला सुरक्षा से जुड़े कठोर कानून बनाने की मांग उठने लगी है।

अधिवक्ता दिनेश कुमार साहू ने कहा कि राज्य सरकार को सबसे पहले महिला सुरक्षा के लिए कड़े कानूनी प्रावधान करने चाहियें। महिला सशक्तिकरण क्षेत्र में अलग पहचान रखने वाली कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. शुक्ला मोहंती ने कहा की सरकार को एक कमेटी बनाकर सबसे पहले महिलाओं के साथ होने वाले अलग-अलग तरह के अपराध को श्रेणीबद्ध करना चाहिए।

इसके आधार पर अलग-अलग मामलों में अलग-अलग सजा का प्रावधान करना चाहिए। झारखंड में महिलाओं के साथ आए दिन से हो रहीं अपराधिक घटनाएं सभ्य समाज के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं।

झारखंड में महिला अपराध की क्या है स्थिति

झारखंड में महिला अपराध के मामले

स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिले आकड़ों के अनुसार, मार्च 2023 से लेकर जून 2023 तक 248 महिलाओं को मनचलों ने अपना शिकार बनाया हैं। आकड़ों पर गौैर करें तो राज्य में हर महीने कम से कम 60 महिलाओं से छेड़खानी की जा रही है।

पिछले साल 2022 में मार्च से जून महीने तक महिलाओं से छेड़छाड़ की 312 घटनाएं सामने आई थे। 2022 की तुलना में 2023 में छेड़खानी की घटनाओं में कमी आई है। लेकिन मौजूदा आंकड़े संतोषजनक नहीं है। झारखंड में महिलाओं से छेड़छाड़ के सबसे अधिक मामले धनबाद में दर्ज हुए हैं। जबकि रांची में मार्च 2023 से लेकर जून तक एक भी मामले दर्ज नहीं हुए हैं।

मार्च 2023 से लेकर जून तक किस जिले में कितनी हुई छेड़खानी की घटनाएं

जिला मामला
रांची 00
खूंटी 01
सिमडेगा 00
गुमला 08
लोहरदगा 10
चाईबासा 05
सराइकेला 03
जमशेदपुर 11
पलामू 18
लातेहार 15
गढ़वा 05
हजारीबाग 07
रामगढ़ 03
कोडरमा 19
चतरा 05
गिरिडीह 06
धनबाद 50
बोकारो 22
दुमका 13
गोड्डा 09
जामताड़ा 02
देवघर 22
साहेबगंज 05
पाकुड 07
रेल धनबाद 00
रेल जमशेदपुर 00

क्या है सजा का प्रावधान :

भारतीय दंड संहिता (IPC)की धारा 354-A , धारा 354-D में महिला के प्रति अश्लील इशारों, अश्लील टिप्पणियों , पीछा करने पर कठोर कारावास की सज़ा या जुर्माना या दोनों लगाए जा सकते हैं। ‘राष्ट्रीय महिला आयोग’ (NCW) ने संख्या 9 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ (नया क़ानून) 1988 का भी प्रस्ताव रखा है।

मेक माई सिटी सेफ में दर्ज कराएं शिकायत, पुलिस करेगी कार्रवाई :

झारखंड पुलिस ने महिलाओं से छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए साल 2022 में मेक माई सिटी सेफ (https://jhpolice.gov.in/make-my-city-safe) नाम की वेबसाइट की शुरूआत की थी। झारखंड के 24 जिलों में किसी भी क्षेत्र में महिलाओं के साथ कुछ गलत हो रहा है या कोई इलाका उनके लिए असुरक्षित है तो इस वेबसाइट की मदद से महिलाएं अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार की ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकती है।

शिकायत करने के लिए पहले झारखंड पुलिस की वेबसाइट (jhpolice.gov.in) पर जांए। फिर मेक माय सिटी सेफ विंडो में क्लिक कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

शिकायत करने से पहले वेबसाइट पर लॉगइन कर कुछ जानकारी साझा करनी होगी। इसके बाद ही कंप्लेन रजिस्टर्ड होगा। दरअसल, कोई फर्जी मामले दर्ज न कराए इसलिए शिकायतकर्ता की जानकारी मांगी गई है। जानकारी देने या कंप्लेन करने वाली महिलाओं का नाम गुप्त रखा जाएगा। इस सुविधा का कोई दुरुपयोग न करे, इसलिए पहले शिकायतकर्ता की जानकारी मांगी गई है।

जिस इलाके में महिला खुद को असुरक्षित महसूस करती हो या जहां से गुजरने पर महिलाओं को असहज महसूस होता है ऐसे इलाकों के बारे में भी जानकारी दी जा सकती है। उस स्थान पर पुलिस टीम तुरंत कार्रवाई करेगी। लड़कों की अड्डेबाजी और ड्रिंक करने के बारे में भी जानकारी मांगा गई है, ऐसे स्थानों पर पुलिस पट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। महिलाओं को क्या परेशानी आ रही है इसकी भी जानकारी मांगी जाएगी। कंप्लेन के लिए किसी भी महिला या लड़कियों को थाने आने की जरूरत नहीं है।

सुरक्षा को लेकर पहले भी जारी हुए थे ऐप :

उल्लेखनीय है कि महिलाओं की हिफाजत के लिए पहले भी कई पहल की जा चुकी है। लेकिन प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण महिलाएं एस तरह के ऐप से वंचित हैं। झारखंड पुलिस की ओर से शक्ति ऐप भी जारी किया गया था। इस ऐप के अलावा शक्ति मोबाइल का भी गठन किया गया था, जिसे सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा पर ही ध्यान देना था। जानकारी के अभाव में महिलाएं इन दोनों सुविधाओं का फायदा नहीं उठा पाईं।

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