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Desi malaria vaccine : भारत में बना मलेरिया का देसी टीका, अब बीमारी पर लगाम लगाने की उम्मीद बढ़ी

by Rakesh Pandey
Desi malaria vaccine
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नई दिल्ली : भारत ने मलेरिया के खिलाफ जंग में बड़ी जीत हासिल की है। देश के वैज्ञानिकों ने पहली बार पूरी तरह देसी मलेरिया वैक्सीन तैयार कर ली है। इस वैक्सीन का नाम एडफाल्सीवैक्स रखा गया है और यह मलेरिया फैलाने वाले सबसे खतरनाक परजीवी प्लाजमोडियम फेल्सीपेरम के खिलाफ बेहद असरदार पाई गई है।

Desi malaria vaccine : कहां बनी ये वैक्सीन

इस वैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र ने तैयार किया है। इसके अलावा वैक्सीन की टेस्टिंग और प्री-क्लीनिकल जांच में दिल्ली का राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (NIMR) और राष्ट्रीय इम्यूनोलॉजी संस्थान भी शामिल रहे।

ICMR ने कंपनियों से मांगे आवेदन

अब जब वैक्सीन बनकर तैयार हो चुकी है, तो ICMR ने इसके व्यावसायिक उत्पादन के लिए कंपनियों से आवेदन (EOI) मांगे हैं। यानी अब देश की कंपनियों को यह तकनीक दी जाएगी ताकि इसे बाजार में उतारा जा सके और आम लोगों को इसका लाभ मिल सके।

Desi malaria vaccine : क्या है इस वैक्सीन की खासियत

  • यह वैक्सीन शरीर में खून तक मलेरिया परजीवी पहुंचने से पहले ही उसे रोक देती है।
  • इसे खास बैक्टीरिया लैक्टोकोकस लैक्टिस की मदद से बनाया गया है, जो आमतौर पर दही और पनीर बनाने में इस्तेमाल होता है।
  • यह सामुदायिक संक्रमण यानी मच्छरों के ज़रिए फैलने वाले संक्रमण को भी रोक सकती है।
  • यह वैक्सीन कमरे के तापमान पर 9 महीने तक असरदार बनी रहती है।
  • इसकी बनावट बहु-स्तरीय है यानी यह एक साथ मलेरिया के दो चरणों को रोक सकती है।

कितनी कारगर है यह वैक्सीन

वैज्ञानिकों का कहना है कि एडफाल्सीवैक्स मौजूदा मलेरिया टीकों के मुकाबले ज्यादा असरदार हो सकती है। यह बेहतर सुरक्षा और लंबे समय तक इम्यूनिटी देती है। प्री-क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे बहुत सकारात्मक रहे हैं।

मलेरिया से लड़ाई में भारत की स्थिति

  • भारत ने 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों में 80.5% की गिरावट दर्ज की है।
  • मलेरिया से होने वाली मौतों में 78.38% की कमी आई है।
  • भारत 2024 में WHO के हाई बर्डन टू हाई इम्पैक्ट (HBHI) देशों की सूची से बाहर हो चुका है।
  • देश का लक्ष्य है कि 2027 तक मलेरिया के मामलों को शून्य कर दिया जाए और 2030 तक इसे पूरी तरह मिटा दिया जाए।

मलेरिया से दुनिया में कितना असर

दुनियाभर में हर साल लगभग 26.3 करोड़ लोग मलेरिया से संक्रमित होते हैं और 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में यह देसी वैक्सीन न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए राहत की खबर है।

मलेरिया के खिलाफ जंग को बड़ी ताकत

भारत की इस देसी मलेरिया वैक्सीन से मलेरिया के खिलाफ जंग को बड़ी ताकत मिलेगी। अगर इसका उत्पादन और वितरण तेजी से हुआ, तो वह दिन दूर नहीं जब मलेरिया भारत के इतिहास की बीमारी बन जाएगी।

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