रांची: सावन माह की तीसरी सोमवारी के अवसर पर झारखंड के प्रमुख शिवालयों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। देवघर, दुमका, खूंटी और सिमडेगा समेत पूरे प्रदेश में बाबा भोलेनाथ की भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। भगवा वस्त्रधारी कांवरियों ने अहले सुबह से ही शिवलिंगों पर जलाभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
बासुकीनाथ धाम में उमड़ा महासैलाब, प्रशासन सतर्क
दुमका जिले के प्रसिद्ध बासुकीनाथ धाम मंदिर में हजारों श्रद्धालु सोमवार को जलाभिषेक के लिए पहुंचे। सुरक्षा और व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। उपायुक्त अभिजीत सिन्हा और पुलिस अधीक्षक पीतांबर सिंह खेरवार लगातार मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे थे।
भागलपुर के बरारी गंगा घाट से बड़ी संख्या में डाक बम कांवरिए हंसडीहा मार्ग होते हुए बासुकीनाथ पहुंचे। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और दंडाधिकारी तैनात किए गए। दुमका डीडीसी अनिकेत सचान ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरसंभव इंतजाम किए गए हैं।
धार्मिक मान्यता और तीसरी सोमवारी का महत्व
पंडा धर्म रक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा के अनुसार, धर्मग्रंथों में वर्णित कथा के मुताबिक माता पार्वती ने सावन मास में तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। तीसरी सोमवारी के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती को अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। इसी कारण यह दिन विशेष महत्व रखता है।
खूंटी के आम्रेश्वर धाम में आकर्षक सजावट
खूंटी जिले के बाबा आम्रेश्वर धाम में रविवार रात से ही श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचना शुरू हो गया। पेलोल नदी से जल लेकर भक्तों ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। सोमवार तड़के मुख्य मंदिर में भव्य श्रृंगार पूजा हुई। मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा।
धाम प्रबंधन समिति के महामंत्री मनोज कुमार ने बताया कि सोमवारी को देखते हुए मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बिजली, सुरक्षा और चिकित्सा जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं।
सिमडेगा में 5000 कांवरियों ने किया जलाभिषेक
सावन की तीसरी सोमवारी पर सिमडेगा भी शिवभक्ति में सराबोर दिखा। कांवरिया सेवा संघ के तत्वावधान में करीब 5000 कांवरियों ने 75 किलोमीटर दूर वेदव्यास त्रिवेणी संगम से जल भरकर सिमडेगा सरना मंदिर में जलाभिषेक किया। भक्त शिव भजनों की धुन पर नाचते-झूमते हुए पहुंचे। पूरा वातावरण “बोल बम” और “हर हर महादेव” के नारों से गूंज उठा।
सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम
झारखंड के विभिन्न जिलों में प्रशासन ने मेला क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल, दंडाधिकारी, एनसीसी के छात्र और स्वयंसेवकों की तैनाती की। बिजली, चिकित्सा और पीने के पानी की सुविधा सुनिश्चित की गई। नदी घाटों और प्रमुख मंदिरों में रौशनी और सुरक्षा घेरा बढ़ाया गया ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।