दुमका : झारखंड के दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड में ग्रामीणों ने पंचुवाड़ा स्थित कोल माइंस से हो रही कोयला ढुलाई के विरोध में आंदोलन छेड़ दिया है। पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (WBPDCL) द्वारा संचालित कोयला परिवहन को ग्रामीणों ने रविवार से आज सुबह तक पूरी तरह से रोक दिया है। यह विरोध दुमका-पाकुड़ मुख्य मार्ग पर काठीकुंड बाजार के पास चांदनी चौक पर हो रहा है, जहां ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।
Dumka Coal Transport Protest : कोयला वाहनों को किया गया बंद
आंदोलनकारी सिर्फ कोयला ढुलाई कर रहे ट्रकों को रोक रहे हैं, जबकि अन्य वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से जारी है। कोयला ट्रकों को रोके जाने के कारण तीन किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया है। इस धरने का नेतृत्व शिवतल्ला ग्राम के ग्राम प्रधान जॉन सोरेन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिना भूमि अधिग्रहण और ग्रामसभा की सहमति के WBPDCL द्वारा कोयला खनन और परिवहन किया जा रहा है, जो न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि आदिवासी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन भी है।
WBPDCL पर नियमों की अनदेखी का आरोप
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हर दिन लगभग 10 हजार ट्रकों से 60 हजार टन कोयला इस क्षेत्र से ढोया जा रहा है, जिससे…
सड़कों की हालत बेहद खराब हो गई है।
धूल और डीजल के प्रदूषण से कई ग्रामीणों को सांस की बीमारी हो गई है।
दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है।
मानव और मवेशियों की आवाजाही पर खतरा मंडरा रहा है।
Coal Corridor की मांग और 11 सूत्री प्रस्ताव
प्रदर्शनकारियों ने पचुवाड़ा कोयला खान-परिवहन प्रभावित संघ के बैनर तले 11 सूत्री मांगें रखी हैं, जिनमें मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं…
कोल माइंस से दुमका रेलवे साइडिंग तक अलग कोल कॉरिडोर का निर्माण
कॉरिडोर बनने तक कोयला परिवहन सुबह 6 से शाम 7 बजे तक ही हो
सड़क का चौड़ीकरण
आबादी वाले क्षेत्रों से कोयला वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध
सड़क हादसों में मृतकों के परिजनों को 25 लाख मुआवजा व 20 हजार रुपये मासिक पेंशन
घायलों को 5 लाख रुपये व इलाज की पूरी व्यवस्था
जमीन अधिग्रहण का समुचित मुआवजा
हर परिवार के व्यस्क सदस्य को रोजगार
प्रदूषण से प्रभावित हर परिवार को मासिक भत्ता
जनहित में कोयला ढुलाई के लिए स्थानीय सहमति अनिवार्य हो
पर्यावरण प्रभाव का आकलन कर ही संचालन की अनुमति दी जाए
प्रशासनिक हस्तक्षेप और वार्ता
घटना की सूचना मिलते ही काठीकुंड बीडीओ सौरव कुमार, सीओ ममता मरांडी और थाना प्रभारी त्रिपुरारी कुमार मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों से उनकी मांगें जानीं और समस्या का समाधान निकालने का भरोसा दिलाया। WBPDCL के अधिकारियों से भी बातचीत की गई, परंतु अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है।
स्थानीय समर्थन और आंदोलन की दृढ़ता
धरना स्थल पर जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने पहुंचकर आंदोलनकारियों को समर्थन दिया। ग्रामीणों का दावा है कि दुमका सांसद नलिन सोरेन और विधायक आलोक सोरेन का भी समर्थन उन्हें प्राप्त है। ग्राम प्रधान ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता और रेल मंत्रालय द्वारा कोयला आपूर्ति को रोका नहीं जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।