नई दिल्लीः द्वारका सेक्टर-13 में शब्द सोसाइटी के एक बहुमंजिला अपार्टमेंट में मंगलवार सुबह 9:58 बजे भीषण आग लग गई। लगी आग के दौरान अपार्टमेंट में रहने वाला परिवार बालकनी में फंस गया और जब आग की लपटें बालकनी की ओर आने लगी तो नौवीं मंजिल पर स्थित इस अपार्टमेंट में रहने वाले यश यादव (35) ने किसी प्रकार अपनी पत्नी ममता, बड़े बेटे आदित्य (18) और 6 माह के पत्नी की बहन के बच्चे को बालकनी से नीचे बेडशीट के सहारे उतार दिया पर खुद अपनी बेटी और भतीजे के साथ लपटों में घिर गए। जब उन्हें बचने का कोई उपाय न सूझा तो आग में बच्चों को जलने के बचाने के लिए उन दोनों को गोद में लेकर नौवीं मंजिल की बालकनी से छलांग लगा दी। नीचे गिरने से यश की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। जिनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
दमकल की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंचीं
डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि पुलिस को शब्द सोसायटी स्थित टावर 1 की नौवी मंजिल के फ्लैट में आग लगने की सूचना मिली थी। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस और दमकल की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। आग फ्लैट के अंदर लगी थी और तेजी से फैलते हुए पूरे फ्लैट को अपनी चपेट में ले लिया था। इस दौरान यश दो बच्चों 10 वर्षीय भतीजे शिवम और 12 वर्षीय बेटी आशिमा के साथ बालकनी में फंस गए। जब लपटें उन तक पहुंचने लगीं और वहां से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो यश घबराहट में बालकनी से दोनों को लेकर नीचे कूद गए।
घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
गिरने से घायल बच्चों को आकाश अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। यश को आईजीआई अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। यश यादव की पत्नी, उनका बड़ा बेटा और बहन का छह महीने का बच्चा इस हादसे में चमत्कारिक रूप से बच गए। दोनों को चिकित्सा सहायता के लिए आईजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति स्थिर है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार की सहायता के लिए आकाश और आईजीआई अस्पतालों में मेडिकल टीमें तैनात की हैं। यश यादव फ्लेक्स बोर्ड के व्यवसाय से जुड़े थे, उनका परिवार मूल रूप से एटा के शाहबाद इलाके का रहने वाला था। स्थानीय लोगों के अनुसार दो साल पहले ही वह सोसायटी में शिफ्ट हुए थे।
आग शॉर्ट सर्किट या तकनीकी खराबी के कारण लगी हो सकती है
दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि तेजी से बढ रही आग को देखते हुए इमारत के सभी निवासियों को तुरंत बाहर निकाल दिया गया था। साथ ही सुरक्षा के लिए इमारत की बिजली और पीएनजी गैस आपूर्ति को बंद कर दिया गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और नगर निगम (एमसीडी) को इमारत की संरचनात्मक स्थिरता का आकलन करने के लिए सूचित किया गया है। एक जांच टीम ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, आग शॉर्ट सर्किट या तकनीकी खराबी के कारण लगी हो सकती है।