पटना : आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। (Kk Pathak Letter) अगले कुछ दिनों में चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव को लेकर अधिसूचना भी जारी कर देगा, लेकिन इस अधिसूचना से पहले ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (Acs) केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है, जिसमें शिक्षा विभाग के भवन के इस्तेमाल और शिक्षक समेत अन्य कर्मियों की ड्यूटी कम से कम लेने का आग्रह किया है।
पुरानी परंपरा को बदलने की जरूरत
केके पाठक की मानें, तो चुनाव के दौरान शिक्षा विभाग के स्कूल, कॉलेज के भवन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की परंपरा बनी हुई है, लेकिन इसे बदलने की जरूरत है। पोलिंग बूथ के रूप में शिक्षा विभाग के भवन का इस्तेमाल एक या दो दिनों तक करने पर तो ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन स्ट्रांग रूम या सुरक्षाकर्मियों के ठहरने के लिए कैंप बनाए जाने की वजह से स्कूल का पठन-पाठन ठप हो जाता है। इसलिए इस पुरानी परंपरा को बदलने की जरूरत है और इसके लिए अन्य विभाग के भवन का इस्तेमाल करने की जरूरत है।
अपने शिक्षकों के लिए खड़े हुए केके पाठक
सूबे के सभी डीएम को लिखे पत्र में केके पाठक ने लिखा है कि शिक्षा विभाग के कर्मचारी की चुनाव कार्य में ड्यूटी परंपरागत तौर पर हमारे सभी शिक्षक पोलिंग पार्टी इत्यादि के अंग बनाए जाते हैं। इसके अलावा हाल ही में यह देखा गया है कि शिक्षा विभाग के अन्य प्रखंड स्तरीय कर्मी (जो कि संविदा के माध्यम से रखे गए हैं) को भी चुनावी ड्यूटी में लगाया जा रहा है।
जिलाधिकारी को आदेश पत्र (Kk Pathak Letter)
केके पाठक ने जिलाधिकारियों को लिखे गए पत्र में कहा है कि ध्यान रहे कि पर्याप्त मात्रा में विभिन्न विभागों के भवन, मेडिकल/इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई, निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज इत्यादि भारी संख्या में खुल गए है। अतः आप इन भवनों को भी ईवीएम अथवा मतगणना केंद्र के लिए लेने पर विचार कर सकते है। मैं ऊपर उल्लेख कर चुका हूं कि हमारे कई विद्यालय/उच्च विद्यालय/डिग्री कॉलेज में मतदान बूथ के तौर पर अधिसूचित हैं और जिसे अब बदला नहीं जा सकता है।
यदि कुछ बदला जा सकता है, तो वो ये है कि आप मतगणना केंद्र/ईवीएम इत्यादि के लिए शिक्षा विभाग के अलावे किसी अन्य विभाग के भवनों का इस्तेमाल करें। कम से कम इस हद तक आपसे ये आशा की जाती है कि आप अन्य विभागों के भवनों को भी एक्सप्लोर करने का प्रयास करेंगे। केके पाठक ने आगे चुनाव कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी को लेकर कड़ा आदेश जारी किया है। उन्होंने जिला प्रशासन और चुनाव से जुड़े अधिकारियों से कहा है कि अन्य विभाग के कर्मचारियों को भी चुनावी ड्यूटी में लगाया जाए।