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बिहार : शिक्षा विभाग ने जारी किया 2024 की छुट्टी का कैलेंडर, हिंदुओं के त्योहारों में छुट्टी की कटौती, जबकि मुस्लिम पर्वों पर बढ़ा अवकाश, विवाद होना तय

by Rakesh Pandey
BIHAR GOVT
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एजुकेशन डेस्क। बिहार शिक्षा विभाग इन दिनों लगातार विद्यालयों में अवकाश को लेकर चर्चा में है। इस बार 2024 के लिए जारी छुट्टियों के कैलेंडर को लेकर विभाग सुर्खियों में बना हुआ है। शिक्षा विभाग ने 2024 की छुट्टी का कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें हिंदुओं के कई पर्व की छुट्टियों को खत्म कर दी गई है, जबकि मुस्लिम पर्वों पर अवकाश बढ़ा दिया गया है। इससे सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। मालूम हो कि विधार्थियों के लिए ग्रीष्मावकाश निर्धारित होते हैं, जबकि अध्यापकों और अन्य स्टाफ को सरकारी कैलेंडर के अनुसार काम करना होगा।

रक्षाबंधन, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी पर अब छुट्टी नहीं

इस बार के कैलेंडर ने हिंदू समुदाय के कुछ प्रमुख त्योहारों की छुट्टियों में कटौती का निर्णय किया गया है। रक्षाबंधन, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी, मकर संक्रांति, तीज, विश्वकर्मा पूजा और जिउतिया की छुट्टी समाप्त हो जाएगी, जिससे समुदाय के लोगों को इन धार्मिक अवसरों पर कार्यों में बिना छुट्टी के आगे बढ़ना होगा। वहीं, शिक्षा विभाग के इस नए कैलेंडर के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के पर्वों में छुट्टी में वृद्धि की गई है। ईद के अवसर पर तीन दिनों की छुट्टी का आयोजन किया जाएगा। साथ ही मुहर्रम और बकरीद की भी छुट्टी को बढ़ावा दिया गया है। इससे, मुस्लिम समुदाय को अपने धार्मिक आयोजनों को और भी ध्यानपूर्वक मनाने का समय मिलेगा।

शैक्षणिक स्थानों पर अनुशासन का पालन करने के लिए कई निर्देश जारी

इस कैलेंडर ने धार्मिक समुदायों के बीच विवाद को बढ़ावा देने के बारे में उत्पन्न होने वाले संभावनाओं को भी सुझाए हैं। हिन्दू त्योहारों में हुई कटौती पर उठे सवालों और मुस्लिम पर्वों की बढ़ती छुट्टियों के माध्यम से उत्पन्न होने वाले विवादों का समाधान कैसे होगा, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। शिक्षा विभाग ने इस कैलेंडर के साथ साथ कई महत्वपूर्ण निर्देश भी जारी किए हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि नये अनुशासन का पालन सभी शैक्षणिक स्थानों पर सही रूप से हो। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शिक्षा पदाधिकारी अपने स्तर पर अवकाश घोषित नहीं करेंगे और किसी भी सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक या शिक्षक अपने स्तर से विद्यालय अवकाश की घोषणा नहीं करेंगे।

इससे तय है कि शिक्षा क्षेत्र में कोई अनियमितता नहीं होगी और सभी स्कूलों और कर्मचारियों को समान अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, ध्यान देने योग्य बिंदुओं में यह भी शामिल है कि जिला पदाधिकारी अपने जिले में किसी भी विशेष अवसर पर अवकाश की घोषणा करने के लिए शिक्षा विभाग से पूर्वानुमति लेंगे, जिससे इसमें विचार-विमर्श का स्तर बना रहेगा और निर्दिष्ट निर्देशों का पालन होगा। इससे सुनिश्चित होगा कि कोई भी अवकाश बिना आवश्यकता और योजना के साथ घोषित नहीं होगा और नये कैलेंडर का पूरा अनुपालन होगा। इस सरकारी कदम से उम्मीद है कि सभी शिक्षा संस्थान एक समरस और सन्नद्ध शिक्षा परिवेश में सामंजस्य बनाए रखेंगे, ताकि छात्रों को सही तरीके से शिक्षित किया जा सके और समाज में एक ऐसा वातावरण हो जो सभी धर्मों और सांस्कृतिक मूल्यों का समर्थन करता है।

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