पलामू, झारखंड: जिले में इन दिनों बिजली संकट ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में लोड शेडिंग की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भीषण गर्मी के बीच बिजली की कटौती से लोग बेहाल हैं। तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
गर्मी में अचानक बढ़ा बिजली का लोड, गहराया संकट
पलामू जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था गर्मी के दिनों में चरम पर पहुंच गई है। सामान्यतः मेदिनीनगर को 85 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है, लेकिन इन दिनों बढ़ती गर्मी के कारण पूरे जिले में 125 मेगावाट बिजली की मांग हो गई है। इसके बावजूद, जिले को सिर्फ 70 मेगावाट बिजली ही मिल रही है, जिससे बिजली कटौती (Load Shedding) अनिवार्य हो गई है।
नेशनल ग्रिड से कम आपूर्ति, लोड शेडिंग बनी मजबूरी
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि पलामू को नेशनल ग्रिड से पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल रही है। अचानक लोड बढ़ने से पावर ग्रिड पर दबाव बढ़ा है और जिले को निर्धारित कोटा के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है। इसके चलते 2 से 3 घंटे तक की बिजली कटौती अब सामान्य हो गई है।
मेदिनीनगर और छत्तरपुर दोनों प्रभावित
पलामू जिला प्रशासनिक रूप से मेदिनीनगर और छत्तरपुर दो भागों में बंटा है। दोनों ही क्षेत्रों में बिजली संकट समान रूप से महसूस किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में पंखा, कूलर, एसी की निर्भरता के चलते बिजली की मांग दोगुनी हो गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई और घरेलू उपयोग के लिए बिजली की आवश्यकता अधिक हो गई है।
लोगों को भीषण गर्मी में राहत की तलाश
झारखंड के इस क्षेत्र में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। इस मौसम में बिजली संकट लोगों के लिए दोहरी मुसीबत बन गया है। लोड शेडिंग के कारण बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंखे और कूलर बंद होने से घरों में रहना मुश्किल हो गया है।