स्पेशल डेस्क : देश के दिग्गज वकीलों में शुमार रहे Fali S Nariman का आज सुबह निधन हो गया। वह 95 साल के थे। उन्होंने कानून की पढ़ाई गर्वनमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से की थी। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट से अपना करियर शुरू किया था। इंदिरा गांधी सरकार ने उन्हें एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाया था। नरीमन का जन्म 10 जनवरी 1929 में रंगून में हुआ था।
Fali S Nariman : पद से दिया था इस्तीफा
इंदिरा गांधी के देश में आपातकाल लगाने के विरोध में नरीमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह वकालत करने लगे। उनके पुत्र रोहिंग्टन नरीमन बाद में देश के सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया बने और बाद में सुप्रीम कोर्ट के जज भी बने। फली एस नरीमन 1991-2010 तक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे थे।
पीएम मोदी ने जताया शोक
Fali S Nariman के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि नरीमन सबसे उत्कृष्ट कानूनी विद्धान और बुद्धिजीवियों में से एक थे। उन्होंने अपना जीवन आम नागरिकों के लिए न्याय को सुलभ बनाने के लिए समर्पित कर दिया। उनके निधन से मुझे दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।
पद्म विभूषण से भी हुए थे सम्मानित
अपने शानदार करियर के दौरान नरीमन ने भारतीय न्यायशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और मई 1972 में उन्हें भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। नरीमन को जनवरी 1991 को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वहीं, 2007 में उन्हें पद्म भूषण दिया गया। वरिष्ठ वकील के साथ वे 1991 से 2010 तक बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे।
साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनका कद काफी ऊंचा रहा। नरीमन 1989 से 2005 तक इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट के उपाध्यक्ष भी रहे। वे 1995 से 1997 तक जेनेवा के कानूनविदों के अंतरराष्ट्रीय आयोग की एग्जीक्यूटिव कमेटी के अध्यक्ष भी रहे।
अभिषेक मनु सिंघवी ने दी श्रद्धांजलि
फाली नरीमन के निधन पर कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एक्स पर पोस्ट भी किया। उन्होंने कहा, “यह एक युग का अंत है। एक दिग्गज जो हमेशा कानून और सार्वजनिक तौर पर लोगों के दिल और दिमाग में रहेगा। इसके ऊपर वह अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। यह गुण उनके प्रतिभाशाली बेटे के पास भी है।”
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