नई दिल्ली : G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सो लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन नई दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं, वे शुक्रवार को भारत पहुंचेंगे। अपनी यात्रा के पहले ही दिन वह नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
जो बाइडन के रवाना होने से पहले, व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन G-20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी भारत यात्रा के दौरान रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। गौरतलब है कि भारत के लिए रवाना होने से एक घंटे से पहले राष्ट्रपति का एक और कोविड टेस्ट नेगेटिव आया था। अमेरिका की प्रथम महिला हाल ही में कोरोना संक्रमित पाईं गई थी। हालांकि आज उनकी भी रिपोर्ट निगेटिव आई।
दिन में जर्मनी शाम में नई दिल्ली पहुचेंगे वाइडन:
व्हाइट हाउस की जारे से जारी सूचना के तहत अमेरिका से रवाना होने के बाद बाइडन शुक्रवार को जर्मनी के रैमस्टीन में रुकेंगे। जबकि शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। शनिवार को स्वागत के औपचारिक कार्यक्रम के बाद G-20 के पहले सत्र वन अर्थ और अगले सत्र वन फैमिली में भी बाइडन मौजूद रहेंगे। बाइडन ‘दुनिया में बुनियादी ढांचे के विकास और निवेश के लिए सहयोग’ पर आयोजन का भी हिस्सा बनेंगे।
महात्मागांधी की समाधी स्थल जाएंगे वाइडन:
अमेरिकी राष्ट्रपति अपने दौरे के तीसरे दिन रविवार को G-20 में भाग लेने पहुंचे अन्य नेताओं के साथ राजघाट जाएंगे। फिर नई दिल्ली से हनोई, वियतनाम के लिए रवाना होंगे, जहां कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू ट्रोंग के साथ बैठक करेंगे।
जानिए जी-20 के बारे में:
G-20 की बात करें तो जब 1999 में एशिया आर्थिक संकट से जूझ रहा था तब जर्मनी के बर्लिन में जी-8 की बैठक के दौरान G-20 का गठन किया गया। पहले इस सम्मेलन में वित्तमंत्री शामिल हुआ करते थे। लेकिन साल 2007 में ग्लोबल इकॉनोमिक क्राइसिस के बाद G-20 फोरम को राष्ट्रप्रमुखों के स्तर का बना दिया गया। जी 20 समूह की पहला सम्मेलन अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में हुआ था।
इस सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया के प्रमुख आर्थिक देशों का सम्मेलन, जहां सदस्य देशों के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था, वित्तीय, व्यवसाय, निवेश और जलवायु परिवर्तन समेत जरूरी मुद्दों पर चर्चा करना है। दुनिया की जीडीपी में G-20 देशों की हिस्सेदारी करीब 85% है। इसके अलावा, दुनिया का कुल 80% प्रोडक्शन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार समूह में इसकी 75% हिस्सेदारी है।