रियो डी जेनेरियो : भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक नई और महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी (Renewable Energy Partnership) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को नया बल मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज ने इस कदम के जरिए दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह घोषणा जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्षिक सम्मेलन में की गईं, जिसमें रक्षा, सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और शिक्षा जैसे अन्य अहम क्षेत्रों पर भी चर्चा हुई।
स्वच्छ ऊर्जा सहयोग: सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण
भारत और ऑस्ट्रेलिया की नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी का उद्देश्य सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण और संबंधित परियोजनाओं में व्यावहारिक सहयोग बढ़ाना है। यह दोनों देशों को ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और सतत विकास की ओर एक कदम और बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम रक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, नवीकरणीय ऊर्जा, जहाज निर्माण, अंतरिक्ष और खेल जैसे क्षेत्रों में नई साझेदारी की संभावनाओं पर काम करेंगे।”
व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते की दिशा में कदम
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। दोनों देशों ने 2022 में आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) पर हस्ताक्षर किए थे, और अब वे इसे आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ईसीटीए के लागू होने के बाद पिछले दो वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, अल्बनीज ने भारतीय समुदाय और विशेषकर भारतीय छात्रों के हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता का समर्थन
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह बयान खासतौर पर दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों देशों को वैश्विक संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता पर एकमत हैं और कूटनीति और बातचीत के माध्यम से संघर्षों और तनावों को हल करने पर जोर देते हैं।”
साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी नई ऊँचाइयों तक पहुंचेगी और वैश्विक भलाई के लिए एक मजबूत ताकत बनेगी। दोनों देशों ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘फ्यूचर मेड इन ऑस्ट्रेलिया’ जैसे सहयोगात्मक प्रयासों के तहत नई नौकरियों के अवसर और आर्थिक विकास के रास्ते खोले हैं।