नयी दिल्ली : आगामी जी20 शिखर सम्मेलन (G20 SUMMIT) से संबंधित तैयारियों के कारण आम लोगों के लिए राष्ट्रपति भवन 10 दिनों के लिए बंद रहेगी। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई है। जी20 शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि “आगामी जी20 शिखर सम्मेलन से संबंधित तैयारियों के कारण आम लोगों के लिए राष्ट्रपति भवन की यात्रा 1 से 10 सितंबर, 2023 तक बंद रहेगी।
मिसाइल से लेकर लड़ाकू विमान और ड्रोन तक की रहेगी तैनाती
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अगले सप्ताह जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के आसमान को सुरक्षित करने में जुटा हुआ है। इसको लेकर अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान, रडार, एंटी-ड्रोन सिस्टम और सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल की तैनाती की जा रही है। भारतीय वायुसेना ने संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के साथ व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं के समन्वय के लिए पहले ही एक समर्पित ऑपरेशन डायरेक्शन सेंटर (ओडीसी) स्थापित किया है। भारत जी-20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
जमीन, आकाश और पानी में सुरक्षा ऐसी की परिंदा भी पर न मार सके :
दिल्ली के हवाई क्षेत्र के साथ-साथ विभिन्न नेताओं के भारत के भीतर उड़ान मार्ग को सुरक्षित करने के लिए जो विमान शामिल किए जा रहे हैं, उनमें राफेल, मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई शामिल हैं। वहीं, स्वदेशी रूप से विकसित नेत्र एयरबोर्न प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली के साथ-साथ उच्च-स्तरीय निगरानी उपकरण भी सुरक्षा में तैनात किए जा चुक हैं। जिन मिसाइलों को तैनात किया गया है, उनमें आकाश के साथ-साथ मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआर-एसएएम) प्रणाली भी शामिल है। 25 किमी तक की मारक क्षमता वाली आकाश, सतह से हवा में मार करने वाली एक छोटी दूरी की मिसाइल है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कमजोर क्षेत्रों और बिंदुओं को हवाई हमलों से बचाने के लिए किया जाता है।
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अन्य राज्यों की एजेंसियां भी अलर्ट पर :
समग्र सुरक्षा उपायों के तहत भारतीय वायुसेना ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और जम्मू कश्मीर में अपने सभी हवाई अड्डों को परिचालन के लिए तैयार रखा है। सूत्रों ने कहा कि समग्र सुरक्षा उपायों का विभिन्न अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है। दिल्ली और पड़ोसी क्षेत्रों के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा मुख्य रूप से भारतीय वायुसेना के दिल्ली मुख्यालय पश्चिमी कमान द्वारा संभाली जा रही है। हालांकि, कमांडो भी तैनात किये जा रहे हैं।