गोरखपुर: कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को अधिवक्ताओं और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के बीच तीखी बहस के बाद हुई झड़प के मामले (Collectorate Violence) में पुलिस ने 52 लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। जिला अधिवक्ता एसोसिएशन के महामंत्री चंद्र प्रकाश मिश्रा की तहरीर पर जानलेवा हमला, धमकी, गालीगलौज और लूट जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।
ठेकेदार और 50 मजदूर नामजद
तहरीर के अनुसार, वेनसा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से कलेक्ट्रेट की नई इमारत का निर्माण कराया जा रहा है। 1 अगस्त को संस्था के मजदूरों ने रजिस्ट्री कार्यालय तक जाने वाले रास्ते को जबरन बंद कर दिया। अधिवक्ताओं के विरोध करने पर, ठेकेदार आला वीरा बैंकटा नारायण और सचिन यादव ने अपने 50 मजदूरों के साथ मिलकर हमला किया।
आरोप है कि हमलावरों के हाथों में लोहे की रॉड और रिवॉल्वर थी। हंगामे के दौरान अधिवक्ताओं के साथ गालीगलौज की गई और एसोसिएशन अध्यक्ष प्रमोद कुमार पांडेय को जान बचाने के लिए तख्त के नीचे छिपना पड़ा।
Collectorate Violence : वाहन तोड़फोड़ और चेन लूट की घटना
अधिवक्ताओं के वाहनों में तोड़फोड़ की गई और जब महामंत्री चंद्र प्रकाश मिश्रा मौके पर पहुंचे तो उन पर जानलेवा हमला किया गया और गले से सोने की चेन लूट ली गई। अन्य वकीलों ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला।
डीएम के आदेश पर खोला गया था रास्ता
महामंत्री ने जानकारी दी कि संस्था ने राजस्व अभिलेखागार, रजिस्ट्री कार्यालय, चकबंदी उपसंचालक आदि कार्यालयों तक जाने वाले रास्ते को पहले भी जबरन बंद कर दिया था। इसके खिलाफ अधिवक्ताओं ने 19 जुलाई को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। 20 व 23 जुलाई को अपर जिलाधिकारी नगर के निर्देश पर रास्ता खुलवाया गया, लेकिन इसके बावजूद संस्था ने दोबारा रास्ता अवरुद्ध कर दिया।
“महामंत्री की तहरीर पर केस (Collectorate Violence) दर्ज कर लिया गया है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
— अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
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