गोवा : मेघालय पुलिस के सामने एक के बाद एक सामने आ रहे मर्डर मिस्ट्री केस ने जांच एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। सोनम रघुवंशी केस की गुत्थी अभी सुलझी भी नहीं थी कि अब गुवाहाटी की 25 वर्षीय लॉ इंटर्न नम्रता बोरा की रहस्यमयी मौत ने नया मोड़ ले लिया है। परिवार इसे महज कार एक्सीडेंट नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या बता रहा है।
कौन थी नम्रता बोरा
नम्रता बोरा असम के गोलघाट जिले के धोड़ांग गांव की रहने वाली एक होनहार लॉ स्टूडेंट थी। हाल ही में वह मेघालय के शिलांग घूमने गई थी, जहां AIUDF विधायक के बेटे अनायतुल वद्दू समेत तीन अन्य दोस्तों के साथ सफर पर थी। इन चारों के नाम हैं – मृगांका बोरा, प्रज्ञा दिहिंगिया और गायत्री बोरा।
क्या हुआ 4 जून की सुबह
4 जून को सुबह लगभग 4.15 बजे मेघालय के री-भोई जिले के नोंगपोह में उनकी कार अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस एक्सीडेंट में नम्रता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी चार को हल्की चोटें आईं।
हादसे की सूचना मिलते ही परिवार को गहरा सदमा पहुंचा। लेकिन घटनास्थल से जो जानकारियां सामने आईं, उन्होंने हादसे पर संदेह के बीज बो दिए।
परिवार को क्यों है मर्डर का शक
नम्रता के भाई ऋषभनंद बोरा ने नोंगपोह थाने में FIR दर्ज कराई है, जिसमें चारों साथियों को संदेह के घेरे में रखा गया है। इसके अलावा, परिवार ने दिसपुर थाने में भी अलग से शिकायत दर्ज कराई है। परिवार का मुख्य आरोप यह है कि अगर यह सिर्फ एक्सीडेंट था, तो अनायतुल और गायत्री मौके से क्यों भागे? नम्रता को अस्पताल सिर्फ मृगांका और प्रज्ञा क्यों लेकर गए? हादसे के बाद तुरंत पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई? परिजनों का यह भी कहना है कि नम्रता की बॉडी पर कुछ संदिग्ध चोटों के निशान थे, जो दुर्घटना की स्थिति से मेल नहीं खाते।
राजनीतिक रंग लेता मामला
नम्रता की मौत के बाद यह मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ने लगा है। असम सरकार के मंत्री अतुल बोरा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और ट्वीट कर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को मामले की गंभीरता से अवगत कराया।मंत्री के हस्तक्षेप के बाद यह मामला अब सीबीआई जांच की मांग की ओर बढ़ सकता है।
सोनम रघुवंशी केस से जुड़ती परतें
इससे पहले 23 मई को मेघालय में ही एक और हाई प्रोफाइल केस सामने आया था। सोनम रघुवंशी और राजा रघुवंशी का केस। इंदौर से हनीमून मनाने शिलांग आए राजा की लाश गहरी खाई में मिली थी, जबकि सोनम लापता थी। बाद में उसे यूपी के गाजीपुर से गिरफ्तार किया गया।पुलिस के अनुसार सोनम के बयानों में विरोधाभास हैं और शक गहराता जा रहा है कि यह सिर्फ एक्सीडेंट नहीं, साजिशन हत्या भी हो सकती है।
मेघालय पुलिस के लिए दोहरी चुनौती
अब जब सोनम केस की जांच अंतिम दौर में है, नम्रता का मामला सामने आकर पुलिस के सामने नई चुनौती बन गया है। दोनों ही केस में युवतियों की भूमिका, साथी पुरुषों की संदिग्ध गतिविधियां और राजनीति के तार जुड़े होने की आशंका है।
क्या कहती है पुलिस
फिलहाल, मेघालय पुलिस ने नम्रता केस में दुर्घटना की पुष्टि की है, लेकिन परिवार की शिकायत और मीडिया के दबाव को देखते हुए आगे की जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही मृतका के फोन रिकॉर्ड्स, कॉल डिटेल्स और CCTV फुटेज को खंगाला जाएगा।
क्या यह भी बन जाएगा एक और ‘अनसुलझी मर्डर मिस्ट्री’
सवाल कई हैं, जवाब कम। क्या नम्रता बोरा की मौत वास्तव में एक एक्सीडेंट था या पर्दे के पीछे कोई गहरी साजिश चल रही थी। क्या सोनम और नम्रता के केस का कोई लिंक है। क्या मेघालय जैसे शांत प्रदेश में अब हाई प्रोफाइल क्राइम की नई लहर चल रही है।
जांच प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल
यह घटनाएं देश भर में सुरक्षा और जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रही हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि मेघालय पुलिस कितनी जल्दी और कितनी पारदर्शिता से इन दोनों मामलों की सच्चाई सामने ला पाती है।