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Gyanvapi: ज्ञानवापी मामले को लेकर विवादित बयान? जानें कमाल राशिद खान उर्फ केआरके ने क्या कहा?

by Rakesh Pandey
Gyanvapi: ज्ञानवापी मामले को लेकर विवादित बयान कमाल राशिद खान उर्फ केआरके
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Gyanvapi : ज्ञानवापी मामले को लेकर विवादित बयान : बॉलीवुड में अपने विवादित बयान को लेकर जाने जाने वाले अभिनेता कमाल राशिद खान उर्फ केआरके इनदिनों चर्चा में है। इस चर्चा की वजह उनकी ओर से दिया गया वह बयान है जिसमें वे ज्ञापनवापी पर बोलकर विवाद में पड़ गए। उनका यह विवादित बयान पूरे इंटरनेट पर सुर्खियां बटोर रहा है।

इससे पहले भी वह बॉलीवुड के एक्टर और एक्ट्रेस पर किए गए कमेंट को लेकर विवादों में रहे हैं। हालांकि इस बार उन्होंने ऐसा नहीं किया है, इस बार उन्होंने पिछले वर्ष से चल रहे वाराणसी (काशी) के चर्चित ज्ञानवापी (Gyanvapi) के मामले को लेकर पर अपना बयान दिया है।

क्या कहा केआरके ने?

कमाल राशिद खान ने एक ट्वीट जारी कर अपने बयान पब्लिक के बीच रखा है। उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से कहा कि उन्हें ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद को सरकार को सौंप देना चाहिए। क्योंकि सरकार ने जब वहां मंदिर निर्माण की ठान ली है तो कौन रोक सकता है?

उन्होंने कहा कि जब हुकूमत का यही फैसला है कि मस्जिद के बदले मंदिर बनाया जाए तो कोई रोक नहीं सकता है, इसलिए मुस्लिमों को स्वयं इस मस्जिद को सरकार के हवाले कर देना चाहिए। उन्होंने यह जानकारी अपने लेटेस्ट ट्वीट हिंदी में साफ-साफ लिख कर दिया है।

पहले भी विवादित बयानों को लेकर रहे हैं चर्चा में

कंट्रोवर्सी किंग केआरके के इस बयान पर विवाद भी बढ़ सकता है। केआरके ने इससे पहले भी मुस्लिमों एक विवादित बयान दिया था। जिसमें कहा था कि भारतीय मुसलमान को अपने बच्चे व परिवार के लिए फिर से धर्म परिवर्तन कर हिंदू बन जाना चाहिये। उन्होंने कहा था कि धर्म से ज्यादा बड़ा परिवार और बच्चे की जिंदगी है।

Gyanvapi: ज्ञानवापी मामले को लेकर विवादित बयान कमाल राशिद खान उर्फ केआरके राशिद खान उर्फ केआरके इनदिनों चर्चा में है। उनका यह विवादित बयान पूरे इंटरनेट पर सुर्खियां बटोर रहा है। मुस्लिम समाज, ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद को सरकार को सौंप देना चाहिए

उन्होंने कहा था कि हम लोग पहले भारतीय अरब के कहने पर धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बने थे। अब अरब इस्लाम को प्रोटेक्ट नहीं कर पा रहा। इसलिए अपने धर्म परिवर्तन करने में कोई बात नहीं है।

Gyanvapi : ज्ञानवापी मामले को लेकर विवादित बयान

क्या है ज्ञानवापी (Gyanvapi) का मामला?

ज्ञानवापी सबसे पहले सुर्खियों में तब आया जब 1991 में स्थानीय पुजारियों ने वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में पूजा की अनुमति मांगी थी। इस याचिका में पुजारियों ने दावा किया था ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर के हिस्से को तोड़ कर बनाया गया है। इसे 16 वीं सदी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मन्दिर के एक हिस्से को तोड़कर बनाया था। यह मामला लंबे समय से कोर्ट में चले आ रहा था।

लोगों के दावों के अनुसार ज्ञानवापी मस्जिद के दीवारों पर हिंदू देवी देवताओं के चित्र भी मिला है। सनातन धर्म से जुड़े चिन्ह मिले है। दोबारा इस मामले को लेकर 2019 में एक स्थानीय वकील विजय शंकर रस्तोगी ने निचली अदालत में याचिका दाखिल की थी। इसमें उन्होंने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 16 वीं सदी में मुगल आक्रांताओं ने मंदिर तोड़ कर किया था। उन्होंने इसकी सही जांच के लिए मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( ASI) के जरिए सर्वे करवाने की मांग की थी।

राम जन्मभूमि पर कोर्ट के फैसले के बाद दायर की गई याचिका

वकील विजय शंकर रस्तोगी ने यह याचिका कोर्ट तब डाली थी जब सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्म भूमि पर अपना फैसला सुनाया था। इस याचिका पर अप्रैल 2021 में स्थानीय अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे करने और उसकी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। ज्ञानवापी मस्जिद का संचालन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में सर्वे के खिलाफ दलीलें दी थी।

ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट का क्या है आदेश?

बता दें कि ज्ञानवापी का मामला 2019 से ही लगातार सुर्खियों में है। वहीं 2021 में स्थानीय कोर्ट ने जब से ज्ञानवापी परिसर को (ASI) से सर्वेक्षण कर इसकी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। इसके बाद से ही मामला लगातार सुर्खिया में है। वर्तमान में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) से सर्वे को मिली है मंजूरी

कोर्ट ने एएसआई सर्वे को मंजूरी भी दे चुकी है। 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज द्वारा एसआई सर्वे का आदेश दिया था, वहीं एएसआई को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट भी सौंपने की बात कहीं थी। इसी के तहत ASI ने सोमवार को सर्वे के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पहुंची थी। हालांकि मुस्लिम पक्ष द्वारा इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर कर दिया गया।

जिसके बाद इस मामले में 2 दिन की रोक लगा दी गई। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा। जिसपर हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद याचिका को खारिज करते हुए एएसआई ( ASI) को सर्वे का आदेश दिया है।

Gyanvapi : ज्ञानवापी मामले को लेकर विवादित बयान

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