Hazaribagh: गुरुवार की रात लगभग 9:30 बजे झारखंड के हजारीबाग जिले स्थित चिंतपूर्णी प्लांट की छह नंबर भट्ठी में जोरदार विस्फोट हुआ। तेज धमाके के साथ उठे धुएं और कंपन से प्लांट परिसर में अफरा-तफरी मच गई और मजदूर जान बचाकर भागने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ ही पलों में स्थिति भगदड़ में बदल गई। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक घटना के समय मजदूर भट्ठी पर काम कर रहे थे।
घटना कैसे हुई?
धमाका उस वक्त हुआ जब छह नंबर भट्ठी संचालित थी और मजदूर नियमित कार्य में लगे थे। अचानक आई तेज आवाज ने सभी को चौंका दिया। इसके बाद धुएं का घना गुबार फैल गया, जिससे दृश्यता कम हो गई और लोगों ने तत्काल बाहर निकलने की कोशिश की।
मौके पर मची भगदड़
धमाके की तीव्रता इतनी थी कि कई श्रमिक घबराकर इधर-उधर भागने लगे। कुछ मजदूरों ने बताया कि सुरक्षा गियर और निकास व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं थीं, जिसके कारण घबराहट और बढ़ी। कई लोगों ने कहा कि यदि आग या द्वितीयक विस्फोट होता तो बड़ी त्रासदी हो सकती थी।
मजदूरों का आरोप: सुरक्षा इंतज़ाम कमजोर
प्लांट में कार्यरत श्रमिकों ने शिकायत की कि सुरक्षा प्रशिक्षण, आपात निकास मार्ग, फायर सेफ्टी ड्रिल और सुरक्षात्मक उपकरणों की उपलब्धता अपर्याप्त है। उनका आरोप है कि बार-बार सुझाव देने के बावजूद सुधार नहीं किए गए, जिससे जान का जोखिम बना रहता है।
एम्बुलेंस पहुंची, पर घायल बाहर नहीं लाए गए
सूत्रों के अनुसार घटना के बाद एम्बुलेंस प्लांट परिसर में पहुँची, लेकिन खबर लिखे जाने तक किसी संभावित घायल को बाहर लाए जाने की पुष्टि नहीं हो पाई थी। अंदर क्या स्थिति है, इसको लेकर श्रमिक परिवारों और स्थानीय लोगों में बेचैनी बनी हुई है।
स्थानीय प्रभाव: घरों में दरारें पड़ने का दावा
आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि धमाके की गूंज इतनी तेज थी कि नज़दीकी कई घरों की दीवारों में दरारें दिख रही हैं। स्थानीय लोग मरम्मत की मांग उठाने की तैयारी में हैं और प्रशासन से संयुक्त सर्वे कराने की अपील कर रहे हैं। (दीवारों में दरारों के दावों की आधिकारिक पुष्टि प्रतीक्षित है।)
प्रबंधन का बयान: “स्थिति नियंत्रण में”
चिंतपूर्णी प्लांट प्रबंधन ने प्रारंभिक प्रतिक्रिया में कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। विस्तृत तकनीकी जांच के बाद ही वास्तविक नुकसान का आकलन सार्वजनिक किया जाएगा। इससे इतर, श्रमिकों का कहना है कि अंदरूनी क्षति और उपकरणों पर प्रभाव की वास्तविकता सामने आना अभी बाकी है।
प्लांट मालिकों की मौजूदगी और एहतियातन गेट बंद
घटना की सूचना मिलते ही प्लांट से जुड़े कई मालिक और वरिष्ठ प्रतिनिधि देर रात स्थल पर पहुँचे। एहतियात के तौर पर प्लांट का मुख्य प्रवेश द्वार अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जिससे केवल अधिकृत टीमों को ही अंदर जाने दिया जा रहा है। इससे बाहर इंतज़ार कर रहे परिवारजन और स्थानीय लोगों की चिंता और बढ़ गई।
प्रशासन और पुलिस की हलचल
प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुँचने की तैयारी में हैं। राहत, सुरक्षा और तकनीकी जांच के लिए संयुक्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। अधिकारी भट्ठी के तकनीकी पैरामीटर, दबाव नियंत्रण प्रणाली, और विस्फोट से पहले के लॉग डेटा को खंगालने पर जोर दे सकते हैं।
जांच: वास्तविक वजह क्या?
फिलहाल विस्फोट के कारणों पर स्पष्टता नहीं है। संभावित पहलू जिनकी जांच की जा सकती है:
संभावित जांच बिंदु
- भट्ठी में तापमान या दबाव असंतुलन
- कच्चे माल (feedstock) की गुणवत्ता या नमी
- सुरक्षा वाल्व/रिलीफ सिस्टम की कार्यशीलता
- रखरखाव अंतराल बनाम वास्तविक लोड
- ऑपरेटर प्रोटोकॉल अनुपालन
जांच एजेंसियाँ तकनीकी डेटा, सीसीटीवी फुटेज, ऑपरेटर लॉग और श्रमिक कथनों को मिलाकर कारण निर्धारण करेंगी।
डर और अनिश्चितता का माहौल
धमाके के बाद से आसपास के ग्रामीण इलाकों और श्रमिक बस्तियों में भय का वातावरण है। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं भविष्य में बड़ा हादसा न हो जाए। कई परिवार अपने परिजनों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कुछ मजदूर अस्थायी रूप से काम से दूर रहने का विचार कर रहे हैं।
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