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को-वैक्सीन के भी साइड इफेक्ट, कोविशील्ड के बाद नया खुलासा

by Rakesh Pandey
Co-Vaccine Side Effects
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नई दिल्ली : Co-Vaccine Side Effects :  कोरोना महामारी के वक्त इससे बचाव के लिए देश में बड़े पैमाने पर लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके लगवाए थे। अब धीरे-धीरे इन दोनों टीकों के साइड इफेक्ट की बात सामने आने लगी है। कोविशील्ड को विकसित करने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनिका ने पिछले दिनों ब्रिटेन की एक अदालत में स्वीकार किया था कि उसके टीके से कुछ लोगों में गंभीर बीमारी हो सकती है।

इसी तरह अपने देश में विकसित भारत बायोटेक कंपनी की वैक्सीन कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एक रिपोर्ट आई है। इसमें दावा किया गया है कि इस वैक्सीन को लगवाने के करीब एक साल बाद कुछ लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे गए हैं। वहीं, इससे सबसे ज्यादा प्रभावित किशोर लड़कियां मिली थीं। कुछ साइड इफेक्ट बेहद गंभीर किस्म के थे।

वहीं, इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एक ऑब्जर्वेशनल स्टडी की गई है। इसमें टीका लगवाने वाले एक तिहाई लोगों में एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंट्रेस्ट यानी एईएसआई पाया गया। यह स्टडी रिपोर्ट स्प्रिंगर लिंक जर्नल में प्रकाशित हुई है।

Co-Vaccine Side Effects: क्या सभी को हो सकता हैं वैक्सीन का साइड इफेक्ट

कोविड महामारी के दौरान वैक्सीन बनाने की जरूरत थी। वहीं, वैक्सीन लगने से करोड़ों लोगों को जान भी बची। वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, जैसे कि वैक्सीन लगने के बाद बुखार आना या टीका लगने वाली जगह पर दर्द बने रहना। अब एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसके टीके से वैक्सीन के कारण थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हो सकता है।

यानी कि शरीर में खून के थक्के बनने का खतरा है। ये खून के थक्के शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकते हैं। थक्के हार्ट, ब्रेन या लंग्स में कहीं भी बन सकता है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। देखने वाली बात ये है कि कंपनी ने यह कहा है कि ऐसा साइड इफेक्ट बहुत ही दुर्लभ मामलों में हो सकता है। यानी लाखों में कुछ लोगों में ये परेशानी दिखने का रिस्क है। ऐसे में लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है।

वहीं, डॉक्टर्स ये कह रहे है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट हर व्यक्ति पर नहीं होते हैं। वैक्सीन के दुष्प्रभाव का भी एक निर्धारित समय होता है। भारत में टीके लगे हुए साल भर से भी अधिक समय बीत चुका है। ऐसे में लोगों को वैक्सीन के दुष्प्रभाव के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

Co-Vaccine Side Effects : क्या वैक्सीन से है हार्ट अटैक का खतरा

डॉक्टर्स का कहना है कि शरीर में खून के थक्के बनने से ज्यादा खतरा नहीं होता है। खून के थक्के खुद ही घुल जाते हैं, लेकिन समस्या तब होती है जब ये खून के थक्के हार्ट में हो जाएं और इससे हार्ट के फंक्शन पर असर पड़े। जहां तक बात कोविड वैक्सीन की है, तो अचानक आ रहे हार्ट अटैक से कोई संबंध भी नहीं है। इसको लेकर कुछ महीनों पहले आईसीएमआर की रिपोर्ट भी आ चुकी है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन हार्ट अटैक या सडन कार्डियक अरेस्ट के मामलों में हो रहे इजाफे का कारण नहीं है।

वहीं, अगर ब्लड क्लॉट की बात करें तो किसी व्यक्ति के शरीर में ब्लड क्लॉटिंग हुई भी है, तो वह ये न सोचे कि ऐसा वैक्सीन से हुआ है। शरीर में खून के थक्के बनने के कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं। इनमें कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हाई बीपी, दवाओं का सेवन और डायबिटीज जैसी बीमारी बड़ा कारण है।

अमेरिका के एफडीए के मुताबिक बर्थ कंट्रोल वाली दवाएं लेने से 3 लाख से अधिक महिलाओं को खून के थक्के जमने का खतरा होता है, जो टीके से होने वाले दुर्लभ इफेक्ट से कई गुना अधिक है। खराब लाइफस्टाइल, खानपान की गलत आदतें, मोटापा, आर्थराइटिस भी ब्लड क्लॉट बनने के बड़े रिस्क फैक्टर हैं। वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में ही खून के थक्के बनते हैं।

Co-Vaccine Side Effects डॉक्टरों का कहना, वैक्सीन के निगेटिव प्वाइंट के बारे में न सोचें

वहीं, वैक्सीन के निगेटिव प्वाइंट के बारे में ही सोचते रहेंगे तो ऐसी बातें दिमाग में आएंगी, इनको लेकर ज्यादा सोचना नहीं है और अपनी हेल्थ पर ध्यान देना है। कोशिश करें कि रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें। खानपान का ध्यान रखें और अपनी डाइट में ऐसे चीजों को शामिल करें, जो ब्लड क्लॉट को रोकती हैं। इसके लिए आप लहसुन और अदरक का सेवन कर सकते हैं। अगर शरीर में खून के थक्के बनने के लक्षण जैसे कि छाती में तेज दर्द, अचानक चक्कर आना या बेहोशी की परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें।

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