दुमका : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने दुमका में मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उसे भ्रष्टाचार में डूबी सरकार करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कोयला, बालू, शराब और जमीन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर सिंडिकेट का कब्जा है, जो सरकार को नियंत्रित कर रहे हैं।
सीएमओ से लेकर सीओ ऑफिस तक भ्रष्टाचार फैला है- रघुवर दास
पत्रकारों से बात करते हुए रघुवर दास ने कहा कि वर्तमान सरकार में कोई ऐसा विभाग नहीं है, जहां घोटाले न हुए हों। सीएम कार्यालय (CMO) में पूर्व प्रधान सचिव विनय चौबे का जेल जाना इसका उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब, पेयजल, नियोजन सहित तमाम विभागों में भारी अनियमितताएं हो रही हैं और पूरे राज्य में कमीशनखोरी का बोलबाला है।
Syndicate Government Jharkhand : हेमंत सरकार नहीं, सिंडिकेट सरकार चल रही है
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की सरकार को हेमंत सोरेन नहीं, बल्कि कोयला सिंडिकेट, बालू सिंडिकेट, शराब सिंडिकेट और जमीन सिंडिकेट चला रहे हैं। जल, जंगल और जमीन – सब कुछ इन माफियाओं के हाथ में है।
कांग्रेस-झामुमो गठबंधन पर भी साधा निशाना
रघुवर दास ने कहा कि जब-जब झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी है, घोटाले ही घोटाले सामने आए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व मंत्री आलमगीर आलम पहले से ही कमीशनखोरी के आरोप में जेल में हैं।
Raghuvar Das Statement : नियोजन नीति में भ्रम, कानून-व्यवस्था ध्वस्त
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजन नीति को जानबूझकर उलझाया जा रहा है ताकि युवाओं को नौकरी न मिल सके। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी में योग्यता नहीं, बल्कि कमीशन आधार बन चुका है। उन्होंने महिला सुरक्षा, जंगलों की अवैध कटाई, कोयले की अवैध ढुलाई, और संथाल परगना में गिरती कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई और कहा कि राज्य की महिलाएं असुरक्षित हैं और सरकार सभी मोर्चों पर विफल है।
चौपाल कार्यक्रम से जनता को जागरूक करने की कोशिश
रघुवर दास ने बताया कि सरकार की विफलताओं को जनता तक पहुंचाने के लिए पाकुड़ और साहिबगंज में चौपाल कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता को बताना जरूरी है कि सरकार ने कैसे उन्हें हक और अधिकार से वंचित किया है।
पेसा कानून लागू करने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री ने झारखंड सरकार से जल्द से जल्द पेसा कानून लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पेसा कानून का मसौदा तैयार है, इसे आगामी कैबिनेट बैठक में पारित किया जाए ताकि ग्राम स्वशासन स्थापित हो सके।