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गृह मंत्री आज ‘झारखंडधाम’ के जिस मंदिर में टेकेंगे मत्था, महाभारत काल से जुड़ा है उसका इतिहास

इस पवित्र शिवनगरी में सैकड़ों श्रद्धालु फलाहार पर रात दिन रहते हैं। मनोकामना पूर्ण होने का स्वप्न के जरिए संकेत मिलने पर ही वे अपने घर लौटते हैं।

by Priya Shandilya
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गिरिडीह : गृहमंत्री अमित शाह आज यानी 20 सितंबर को झारखंड दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे गिरिडीह जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ‘झारखंडधाम’ पहुंच कर बाबा भोलेनाथ के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। पूजा अर्चना के बाद गृह मंत्री सीधे झारखंडधाम (मुरखारी) मैदान में आयोजित भाजपा की परिवर्तन संकल्प सभा को संबोधित करेंगे। जिस मंदिर में गृह मंत्री पूजा-अर्चना करेंगे, उस मंदिर के नाम झारखंडधाम से ही झारखंड राज्य का भी नाम जुड़ा है।

महाभारत काल से जुड़ा इतिहास

झारखंडधाम का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। किवदंती है कि महाभारत युद्ध के दौरान भगवान शिव ने अर्जुन को यहीं पाशुपात अस्त्र दिया था। इसी दौरान यहां घने जंगलों के बीच शिवलिंग आपरूपी प्रकट हुए थे। तब से यहां पूजा-अर्चना शुरू हो गई।

जब श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ी तो राजधनवार के राजा ने यहां मंदिर निर्माण के लिए 14.20 एकड़ जमीन दान कर दी, जो झारखंडधाम मौजा के खाता नंबर 13, प्लॉट नंबर 758 में स्थित है। खतियान में भी यह जमीन महादेव स्थान के नाम से दर्ज है। इस पवित्र शिवनगरी में सैकड़ों श्रद्धालु फलाहार पर रात दिन रहते हैं। मनोकामना पूर्ण होने का स्वप्न के जरिए संकेत मिलने पर ही वे अपने घर लौटते हैं। पुत्र प्राप्ति, रोग मुक्ति, धन यश प्राप्ति आदि के लिए साल भर श्रद्धालुओं का जमावड़ा यहां लगा रहता है।

मंदिर की जमीन पर ही सजती हैं दुकानें

मंदिर के लिए जो जमीन दान की गई थी, उसके कुछ हिस्से में बाबा मंदिर व शिवगंगा है, जबकि चारदीवारी के बाहर करीब चार एकड़ से अधिक जमीन पर कब्जा कर लोगों ने मकान, दुकान, धर्मशाला, होटल आदि बना लिया है। यहां तक कि सड़क का भी अतिक्रमण कर इसे गली बना दिया गया। दूसरी ओर आज भी यहां मुख्य मंदिर छतविहीन है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के झारखंडधाम आगमन से स्थानीय ग्रामीणों, श्रद्धालुओं व पंडा समाज में यहां के विकास की उम्मीद जगी है।

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