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Hamas Attack On Israel : हमास और इजराइल का युद्ध भारत में कैसे बन रहा है बड़ा राजनीतिक मुद्दा

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क, Hamas Attack On Israel: भारत से कई हजार किलोमीटर दूर इजरायल पर हमास आतंकवादियों के हमले के बाद इजरायल ने भी पलटवार किया है। हालात अच्छे नहीं है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी एक ‘युद्ध’ चल रहा है सोशल मीडिया पर। भारत में इस हमले के विरोध और समर्थन से राजनीतिक ध्रुवीकरण शुरू हो गया है।

मोदी के पीएम बनने के बाद भारत-इजरायल रिश्तों को मिला नया आयाम

2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद भारत और इजरायल के संबंधों को नया आयाम मिला। इजरायल में हमास के ताजा आतंकी हमले से भारत में बहस और ज्‍यादा स्‍पष्‍ट हो गई है। सोशल मीडिया पर दक्षिपंथी और लिबरल्स की बातों से लगता है कि किस तरह इजरायल-फलस्तीन के संघर्ष को वोटों का ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पर 2014 के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद इस स्थित में बदलाव हुआ।

इस तरह दोनों देशों में प्रगाढ़ होते गए संबंध

देश में पहली बार 2015 में इजरायल के रक्षा मंत्री की यात्रा हुई। 2017 में भारत से पहली बार कोई प्रधानमंत्री ने इजरायल की यात्रा की। हालांकि 2018 में पीएम मोदी ने फलस्तीन की यात्रा की थी। इजरायल इस समय भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझीदार तो है ही रणनीतिक साझीदार भी है। रूस के बाद सबसे अधित रक्षा सामग्री का आयात इजरायल से ही हो रहा है।

जानें, किसने क्या कहा

संबंधों के तरजीह देने का कारण ही है कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला होते ही भारत के प्रधानमंत्री का ट्वीट इजरायल के समर्थन में आया। जबकि कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्वीट दूसरे दिन 8 अक्टूबर को आया। जयराम रमेश की ओर से आए ट्वीट में बहुत समझदारी से बैलेंस अप्रोच रखा गया है। दरअसल पार्टी में एक तबका ऐसा है जो कहीं से भी ये संदेश नहीं देना चाहता कि कांग्रेस राष्ट्रवादी पार्टी नहीं है। इंडिया एलायंस की ओर से तो अभी तक ऐसा कोई बयान नहीं आया है जिससे इस मुद्दे पर गठबंधन का रुख क्लीयर कर सके।

अबतक इजरायल ओर फिलिस्तीन के सैकड़ों लोगों की हुई मौत

इस युद्ध में इजराइल के 350 नागरिक अब तक मारे जा चुके हैं और दूसरी तरफ फिलिस्तीनी हिस्से में 227 नागरिक मारे जा चुके हैं। 8 अक्टूबर रविवार हमले का दूसरा दिन था। दोनों तरफ से भयावह वीडियो और फोटो जारी किए जा रहे हैं। महिलाओं और बच्चों के साथ क्रूरता के ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं कि आपको किसी न किसी पक्ष की निन्दा करनी ही होगी। लेकिन हर युद्ध में मनोवैज्ञानिक प्रचार साथ-साथ चलता है तो यह कहना मुश्किल है कि कौन सा देश युद्ध में महिलाओं और बच्चों से क्रूरता कर रहा है। वैसे बिना युद्ध हुए ही आए दिन ग़ज़ा पट्टी से निर्दोष नागरिकों और बच्चों के साथ क्रूरता के फोटो-वीडियो आते ही रहते हैं। लेकिन यहां बात हो रही है कि कौन सा देश किस तरफ है। भारत वर्षों तक फिलिस्तीन का भी अभिन्न मित्र रहा है।

इजरायल को मिल चुका है अमेरिका का भी समर्थन

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने विदेश विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा, “आतंकवाद को कभी कोई सही नहीं ठहराया जा सकता है। हम इजराइल की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और इन हमलों में मारे गए इजराइली लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।

भारत ने इजरायल के साथ प्रदर्शित की एकजुटता

भारत ने भी अपने रणनीतिक साझेदार इजराइल के साथ इस संकट की घड़ी में एकजुटता जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संकट की घड़ी में भारत इजराइल के साथ खड़ा है। उन्होंने हमास के हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं।

ऑस्ट्रेलिया ने भी की समर्थन की घोषणा

ऑस्ट्रेलिया ने भी इजराइल के समर्थन की घोषणा की है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि हम इस समय अपने मित्र इजराइल के साथ खड़े हैं। इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।

ब्रिटेन, फ्रांस व यूक्रेन भी इजरायल के साथ

विभिन्न मोर्चे पर रूस के साथ जंग लड़ रहे यूक्रेन ने भी इजराइल के समर्थन की बात कही है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने इजराइल के खिलाफ हमास के हमले की निंदा की है। उसने कहा, हम इस जंग में इजराइल के साथ हैं। उधर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि इजराइल को अपनी सुरक्षा का पूरा अधिकार है। उन्होंने हमास के हमले पर हैरानी भी जताई है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि दुख की घड़ी में वो हमास के हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के साथ हैं। फ्रांस ने अपने बयान में स्पष्ट कर दिया है कि इस स्थिति में वह इजराइल के साथ खड़ा है।

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