Business Desk : शेयर बाजार में आज एक बार फिर भारी गिरावट देखने को मिली है, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल है। यह लगातार छठा दिन है, जब बाजार में बिकवाली का दबाव बना हुआ है। सेंसेक्स ने 1000 अंकों की गिरावट के साथ 80,300 के स्तर को पार कर लिया है। वहीं, निफ्टी में भी भारी गिरावट आई है और यह 278 अंकों की कमी के साथ 24,270 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी बैंक इंडेक्स 783 अंकों की गिरावट के साथ 52,532 के स्तर पर है। इस गिरावट के साथ मिडकैप, स्मॉल कैप और अन्य इंडेक्स भी नकारात्मक रूप में कारोबार कर रहे हैं।
सेंसेक्स में गिरावट : प्रमुख कारण
BSE सेंसेक्स के टॉप 30 शेयरों में से 29 शेयरों में गिरावट देखी जा रही है, जबकि केवल एक शेयर में मामूली बढ़त देखने को मिली है। भारती एयरटेल का शेयर लगभग 1 प्रतिशत तक बढ़ा है, लेकिन बाकी सभी बड़े शेयरों में गिरावट आई है। सबसे बड़ी गिरावट Tata Steel, JSW Steel और इंडसइंड बैंक में देखी जा रही है। इन कंपनियों के शेयरों में भारी दबाव है। इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 1.33 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी और टाइटन जैसे हैवीवेट शेयर भी 1 प्रतिशत तक गिर चुके हैं।
NSE के 50 शेयरों में से 47 शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। केवल तीन शेयरों—भारती एयरटेल, अडानी एंटरप्राइजेज और अपोलो में कुछ तेजी दिखी है। इसके अलावा, 51 शेयरों ने 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर छुआ है, जबकि 12 शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंचे हैं। इसके साथ ही, 39 शेयरों में अपर सर्किट और 36 शेयरों में लोअर सर्किट लागू किया गया है, जो बाजार में अस्थिरता को दर्शाता है।
गिरावट का कारण: मुनाफावसूली और वैश्विक संकेत
आज की गिरावट के प्रमुख कारणों में एक महत्वपूर्ण कारण मुनाफावसूली है। पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में तेजी का माहौल था, और अब निवेशक अपनी निवेशों से लाभ निकालने के लिए मुनाफावसूली कर रहे हैं। मुनाफावसूली के चलते बाजार में दबाव बढ़ा है, जिससे गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है।
इसके अलावा, वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों ने भी भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। वैश्विक स्तर पर बाजारों में सुस्ती और चिंता के कारण निवेशक जोखिम से बचने के लिए अपनी पूंजी को निकालने का प्रयास कर रहे हैं, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। इन वैश्विक संकेतों के बीच, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाइटन और HDFC बैंक जैसे प्रमुख कंपनियों के शेयरों में दबाव बढ़ गया है, जो बाजार की गिरावट के मुख्य कारणों में शामिल हैं।
गिरावट में कौन से शेयर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए?
वर्तमान गिरावट के दौरान कई छोटे और मंझले शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। उदाहरण के लिए, ग्लेनमार्क फार्मा के शेयर 5 प्रतिशत गिर चुके हैं, जबकि जुपिटर वैगन और सैल के शेयरों में भी 4-5 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अलावा, एनएमडीसी, ओवरसीज बैंक, आईआरएफसी और यूनियन बैंक के शेयर भी 3.5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत तक गिर चुके हैं। कोचीन शिपयार्ड और अन्य चर्चित शेयरों में भी गिरावट देखी जा रही है।
क्या आगे और गिरावट होगी?
शेयर बाजार में अभी भी गिरावट की संभावना बनी हुई है, खासकर तब जब वैश्विक संकेत कमजोर हों। मुनाफावसूली की प्रक्रिया अभी जारी रहने की संभावना है, और अगर निवेशकों का विश्वास बहाल नहीं होता, तो गिरावट का सिलसिला और भी बढ़ सकता है। हालांकि, बाजार के लिए यह अवसर भी हो सकता है क्योंकि गिरावट के बाद अच्छे निवेश के मौके बन सकते हैं, जब शेयरों की कीमतें नीचे आ जाती हैं।
निवेशकों को अब अपनी निवेश रणनीतियों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता हो सकती है, खासकर उन शेयरों में जो गिरावट का सामना कर रहे हैं। यदि वैश्विक बाजारों में सुधार होता है और भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, तो बाजार में उछाल देखने को मिल सकता है।
आज के दिन भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, और यह लगातार छठा दिन है जब बाजार पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है। मुनाफावसूली और वैश्विक संकेतों के कारण सेंसेक्स, निफ्टी और अन्य प्रमुख इंडेक्स में गिरावट आई है। निवेशकों को अब सतर्क रहना होगा और बाजार की स्थिति का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करते हुए अपनी निवेश रणनीतियों में बदलाव करने की जरूरत है।
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